उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 20 दिसंबर 2019 को हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 21 साल के सुलेमान की मौत हो गई थी. एसआईटी ने पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त करते हुए सुलेमान को आरोपी ठहराया है और कहा है कि वे प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे.
ग्राउंड रिपोर्ट: बीते 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले के नहटौर क़स्बे में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद सुलेमान और मोहम्मद अनस की मौत हो गई थी. सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, जबकि अनस मुख्य रूप से अपने घर के अकेले कमाने वाले थे.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शन हिंसक झड़प में तब्दील हो गए थे. 20 दिसंबर को बिजनौर के नहटौर कस्बे में पुलिस फायरिंग के दौरान दो मौतें हुईं, मरने वाले थे यूपीएससी की तैयारी कर रहे 21 वर्षीय सुलेमान और मजदूरी करके घर चलाने वाले 23 वर्षीय अनस. मृतकों के परिवार से अविचल दुबे की बातचीत.