संघ से संवाद: दक़ियानूसी विचारों को नई पैकेजिंग के ज़रिये आकर्षक बनाने का पैंतरा

वे सभी लोग जो नए कलेवर में प्रस्तुत संघ को लेकर प्रसन्न हो रहे हैं, उन्हें यह जानना होगा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब संघ इस क़वायद में जुटा है. उन्हें 1977 के अख़बारों को पलट कर देखना चाहिए जब यह बात फैलाई जा रही थी कि संघ अब अपनी कतारों में मुसलमानों को भी शामिल करेगा. लेकिन यह शिगूफ़ा साबित हुआ.

भागवत जी, आपकी कथनी के करनी में बदल जाने तक उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता

संघ प्रमुख के हालिया बयानों की गंभीरता और विश्वसनीयता को इस कसौटी पर परखा जाना चाहिए कि आरएसएस से संबद्ध संगठन अपना आगामी चुनाव अभियान किस तरह से चलाते हैं.

भागवत जी! पहले अपनी परंपरागत सोच के दायरों से तो बाहर निकल आते, फिर संवाद करते

संवाद का भ्रम रचकर बहुत कुछ हासिल करने की संघ की ताज़ा महत्वाकांक्षा की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि वह अपने घर का दरवाज़ा चौड़ा और ऊंचा करने को तैयार नहीं है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 306: संघ के बदलते सुर और बीमार मंत्री

जन गण मन की बात की 306वीं कड़ी में विनोद दुआ संघ के बदलते रवैये और मंत्रियों की बीमारी के बारे मोदी सरकार द्वारा बरती जा रही गोपनीयता पर चर्चा कर रहे हैं.

​जन गण मन की बात, एपिसोड 305: मोहन भागवत का भाषण और अर्थव्यवस्था

जन गण मन की बात की 305वीं कड़ी में विनोद दुआ संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया भाषण, इसके राजनीतिक महत्व और देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं.

हिंदुत्व की विचारधारा से और लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें: मोदी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समुदाय से एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करने की अपील की.

क्या मोदी-शाह की जोड़ी नितिन गडकरी को दरकिनार कर रही है?

बेस्ट ऑफ 2018: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपना अमेरिका, कनाडा और इज़राइल दौरा आख़िरी समय पर रद्द कर दिया, जहां वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा करने वाले थे.

हिंदुत्ववादियों का मनुस्मृति से ‘मोह’ छूट नहीं रहा है

भारत द्वारा संविधान अपनाए हुए सत्तर साल बीत चुके हैं. डॉ. आंबेडकर के मुताबिक इसने ‘मनु के शासन की समाप्ति की थी.’ लेकिन हिंदुत्ववादियों के बीच आज भी उसका सम्मोहन बरक़रार है.

50 साल कांग्रेस में रहे व्यक्ति ने संघ मुख्यालय पर माथा टेक दिया: ओवैसी

प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिन्होंने महात्मा गांधी के क़त्ल पर जश्न मनाया था, वह उनके दफ़्तर जाकर बहुलतावाद की बात करते हैं, किसको बेवकूफ बना रहे हैं वो.

असहिष्णुता को लेकर बतौर राष्ट्रपति चंद नसीहत भरे भाषण के अलावा प्रणब ने क्या किया था?

अगर देश के संविधान का मूल स्तंभ सहिष्णुता और धर्म-निरपेक्षता है, तो फिर मोदी सरकार के शुरुआती तीन साल तक संविधान के मुखिया के पद पर बैठकर प्रणब मुखर्जी ने क्या किया?

प्रणब का संघ मुख्यालय जाकर भाषण देना इतिहास की महत्वपूर्ण घटना: लालकृष्ण आडवाणी

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि इस प्रकार खुलेपन की भावना और आपसी सम्मान के साथ विचारों के आदान-प्रदान से सहिष्णुता और सौहार्द की भावना तैयार करने में मदद मिलेगी.

भारत की आत्मा बहुलतावाद और सहिष्णुता में बसती है: प्रणब मुखर्जी

संघ मुख्यालय, नागपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘हमारा राष्ट्रवाद किसी क्षेत्र, भाषा या धर्म विशेष के साथ बंधा हुआ नहीं है.’

‘जिस आरएसएस ने न गांधी की सुनी, न जेपी की, वो प्रणब मुखर्जी की क्या सुनेगा’

वीडियो: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समारोह में जाने पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

1 4 5 6 7 8