दिल्ली आबकारी नीति मामले में पिछले पांच महीनों से जेल में बंद बीआरएस नेता के. कविता को ज़मानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषसिद्धि की दर कम होने पर संसद में प्रस्तुत आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि उन सभी मामलों को आपको अदालत में स्थापित करने की आवश्यकता है जहां आप संतुष्ट हैं कि प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है.
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 से वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों, एमएलसी और राजनेताओं के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गईं कुल 132 ईसीआईआर में से केवल 5 मामलों में सुनवाई पूरी हुई है, जबकि एक केस में दोषसिद्धि हुई है.
साल 2005 के बाद से ईडी द्वारा दर्ज 5,906 मामलों में से जांच एजेंसी केवल 1,142 मामलों में जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने में कामयाब रही है. जांच से पता चलता है कि साल 2014 से 121 राजनेता ईडी की जांच के दायरे में रहे हैं, जिनमें से 115 विपक्ष के नेता हैं.