अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे के ख़िलाफ़ ऐसी चार्जशीट बनाने की हड़बड़ी में थे, जिसे 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता की अदालत में पेशकर जता सकें कि उसके सबसे बड़े और सच्चे शुभचिंतक वास्तव में वही हैं.
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा जारी है. चर्चा की शुरुआत तेदेपा के जयदेव गल्ला ने की. बीजद के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करते हुए सदन से वाकआउट कर गए. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान शिवसेना अनुपस्थित रहेगी.
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे कारोबारियों के बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद देश से फरार होने की पृष्ठभूमि में यह विधेयक लाया गया है.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि उच्च सदन केे सांसद संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं में से किसी में भी भाषण दे सकते हैं. अब इनके साथ-साथ अनुवाद की सुविधाएं मुहैया होंगी.