मामला चेन्नई का है, जहां एक महिला ने 2009 में अपने पति के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था. पत्नी को गुज़ारा भत्ता न देने के संबंधी सुनवाई में शीर्ष अदालत ने इस शख़्स को अलग रह रही पत्नी को 2.60 करोड़ रुपये की बकाया राशि और मासिक गुज़ारे भत्ते के तौर पर 1.75 लाख रुपये देने का आदेश दिया है.