क़ुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की मूर्तियों की पुन: स्थापना करने की मांग के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड ने यह मांग की है. उसका दावा है कि परिसर की मस्जिद में नमाज़ पहले से होती रही है, लेकिन भारतीय पुरतत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इसे रुकवा दिया था. इससे पहले एएसआई ने अदालत में उस याचिका का विरोध किया था, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की परिसर में फिर से स्थापना की मांग की गई थी.
जब भी भीड़ के विवेक से परे हटकर टीपू सुल्तान का मूल्यांकन किया जाएगा तब उन्हें अंग्रेजी राज के ख़तरे को पहचानने और उनके ख़िलाफ़ लड़कर शहीद होने वाले शासक की तौर पर याद रखा जाएगा.
जिस टीपू सुल्तान की पहचान बहादुर शासक के तौर पर होती रही है उसे अब एक धड़े द्वारा क्रूर, सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी बताया जा रहा है.