मामला एक दंपति की चार साल की बेटी की कस्टडी से जुड़ा हुआ था, जहां निचली अदालत ने बच्ची को हर हफ्ते 19 घंटे के लिए उसकी मां को सौंपने का आदेश दिया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द करने की मांग वाली पिता की याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की.