मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में जनवरी 2016 से जनवरी 2018 के बीच करीब 57,000 बच्चों ने कुपोषण के चलते दम तोड़ दिया.
लिंगदोह कमेटी की अनुशंसा के उलट निजी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव न करवाए जाने को चुनौती देते हुए एनएसयूआई द्वारा याचिका दायर की गयी थी.