द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
नौ अगस्त की रात रतलाम ज़िले में मुस्लिमों के एक समूह ने इंस्टाग्राम पर हुई एक इस्लाम विरोधी पोस्ट करने वाले शख़्स के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था. आरोप है कि यहां पोस्ट करने वाले व्यक्ति को लेकर कथित तौर पर 'सिर तन से जुदा' का विवादास्पद नारा लगाया गया था.
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घटना सिंगरौली ज़िले की है, जहां भाजपा विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने सड़क पर हुए एक विवाद में बीचबचाव करने पहुंचे एक आदिवासी शख़्स सूर्य प्रकाश खैरवार पर गोली चला दी. गोली खैरवार के हाथ में लगी. पुलिस ने कहा है कि वैश्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है.
मध्य प्रदेश के सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आदिवासी पर पेशाब करने के आरोपी का घर उनकी पैतृक संपत्ति थी. इसे अधिकारियों द्वारा ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था. चाहे आरोपी कोई भी हो, उसके परिवार को परेशानी नहीं उठानी चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी, विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि साल 2017 और 2022 के बीच आंध्र प्रदेश में सबसे ज़्यादा सांसदों एवं विधायकों के ख़िलाफ़ 10 मामले दर्ज किए गए. 2020 में सज़ा पाने की दर 69.83 प्रतिशत दर्ज की गई, जो इन पांच सालों में सर्वाधिक है.
सुप्रीम कोर्ट पिछले महीने सभी उच्च न्यायालयों को सांसदों-विधायकों के ख़िलाफ़ पांच साल से अधिक समय से लंबित आपराधिक मामलों और उनके शीघ्र निपटारे के लिए उठाए गए क़दमों समेत पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा था. हालांकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार समेत सात राज्यों ने इस संबंध में जानकारी नहीं दी है.
मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले की खतौली विधानसभा से भाजपा के विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के केस में दो वर्ष की सज़ा सुनाए जाने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में 2013 के सांप्रदायिक दंगे में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40 हज़ार से ज़्यादा विस्थापित हुए थे. विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी तथा 11 अन्य को दोषी क़रार देते हुए दो-दो साल की क़ैद और जुर्माने की सज़ा सुनाई. हालांकि सभी को निजी मुचलके पर रिहा भी कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2016 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने पर राजनेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग के अलावा सांसद-विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों में तेज़ सुनवाई की मांग की थी.
घटना सागर ज़िले की है, जहां एक स्कूल में नौवीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को कोविड रोधी टीका लगाने के दौरान कुछ अभिभावकों ने एक ही सिरिंज का उपयोग होते हुए देखा और इस पर आपत्ति जताई. पुलिस ने टीका लगाने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया है और ज़िला टीकाकरण अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
रतलाम ज़िले के रावटी का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख़्स लाउडस्पीकर से अज़ान पर आपत्ति जताते हुए कहते दिखता है कि उन्होंने मस्जिद के सामने वाली इमारत पर लाउडस्पीकर लगा दिए हैं और जब जब अज़ान बजेगी, लाउडस्पीकर से तेज़ संगीत बजाया जाएगा.
यह घटना 14 जनवरी को उज्जैन रेलवे स्टेशन पर हुई. आरोप है कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम शख़्स पर 'लव जिहाद' का आरोप लगाकर मारपीट भी की. महिला और पुरुष दोनों ही विवाहित हैं और पारिवारिक मित्र हैं, जिन्होंने इन लोगों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया.
खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी अगस्त 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गांव के प्रधान थे, जहां दो चचेरे भाइयों की हत्या के बाद हिंसा भड़कने की पहली घटना हुई थी. यूपी सरकार ने दंगों से संबंधित 77 मामले वापस लिए हैं, जिनमें से कुछ को अगस्त 2021 में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी, जिसके बाद विधायक सैनी और अन्य को बरी किया गया है.
घटना 13 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के सेंधवा शहर में हुई थी. कथित तौर पर एक गरबा स्थल पर 10 साल के एक मुस्लिम बच्चे की मौजूदगी को लेकर हुई झड़प सांप्रदायिक तनाव में बदल गई थी. इस संबंध में पुलिस ने तीन एफ़आईआर दर्ज की है, जिसमें दोनों पक्षों के 26 लोग नामज़द हैं. सोमवार तक इनमें से 22 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.