बजट किसानों को चकमा देने के लिए होगा, वादे लबालब और नतीजे ठनठन

आपके मुल्क में अक्टूबर से लेकर आधी जनवरी तक एक फिल्म को लेकर बहस हुई है. साढ़े तीन महीने बहस चली. नौकरी पर इतनी लंबी बहस हुई? बेहतर है आप भी सैलरी की नौकरी छोड़ हिंदू-मुस्लिम डिबेट की नौकरी कर लीजिए.

मोदी के कार्यकाल को देखें तो यह आर्थिक मोर्चे पर नाकामी की कहानी है: यशवंत सिन्हा

विशेष साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों, कृषि संकट और बेरोज़गारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु.

जिस सरकार ने नोटबंदी की, उसी को क़र्ज़ माफ़ी का ख़र्च भी उठाना चाहिए

अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग उथली राजनीति है तो नरेंद्र मोदी का देश भर में घूम-घूम कर चुनावी सभाओं में वादा करना उथली राजनीति नहीं थी?

‘जीएसटी के लिए संसद को 12 बजे रात को खोला जा सकता है, मगर किसानों पर एक मिनट बात नहीं हो सकती’

राजग में शामिल पार्टी के सांसद का सवाल, क्या किसान आतंकवादी हैं? विपक्ष ने कहा, पहले फ़सलों के दाम दोगुना करने का वादा किया, अब किसानों पर गोली चला रही है सरकार.

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