नगालैंड में चुनावी राजनीति ने महिलाओं का विरोध होता आया है. सरकार ने शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया था, जिसके बाद आदिवासी इकाइयों ने कड़ा विरोध किया है. इस हफ्ते दो दशकों में पहली बार यह चुनाव हुए हैं, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान का पालन न होने पर केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस मामले से पल्ला नहीं झाड़ सकता. इसका अमल सुनिश्चित करने के लिए उसे सक्रिय भूमिका निभानी होगी.
वीडियो: महाराष्ट्र में 23 नगर निगम, 26 ज़िला परिषद और 385 नगर पंचायतों के चुनाव एक साल से अधिक समय से लंबित हैं. इतना ही नहीं नवी मुंबई, कोल्हापुर, ठाणे, वसई, विरार, कल्याण डोंबिवली के चुनावों में तो तीन साल की देरी हो चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक दशक से अधिक लंबे अंतराल के बाद स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने के लिए दिए गए वचन का उल्लंघन करने के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, राज्य के मुख्य सचिव और आदिवासी नेताओं को नोटिस जारी किया है.
लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस को मिली राजनीतिक संजीवनी, भाजपा छह सीटों पर सिमटी, शिवसेना को एक सीट मिली.