दुनियाभर में जेल में बंद पत्रकारों की संख्या इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची: सीपीजे रिपोर्ट

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1 दिसंबर, 2022 तक दुनियाभर के 363 रिपोर्टर/पत्रकार अपने काम के चलते विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा जेल में बंद किए गए हैं. इनमें भारत के सात पत्रकार भी शामिल हैं, जिनमें से तीन एक साल से भी अधिक समय से जेल में हैं.

इस साल दुनिया भर में रिकॉर्ड संख्या में पत्रकारों को जेल में डाला गया या हत्या हुई: रिपोर्ट

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक दिसंबर 2021 तक दुनियाभर में 293 पत्रकार अपने काम के लिए विभिन्न देशों की जेलों में बंद थे. यह लगातार छठा साल रहा, जब ढाई सौ से अधिक पत्रकार जेल में बंद रहे.

पत्रकारों को निशाना बनाकर हमलों के मामले 2020 में बढ़े: रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स के रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जान गंवाने वाले पत्रकारों में से 68 प्रतिशत की जान संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों के बाहर गई. साल 2020 में पत्रकारों को निशाना बनाकर उनकी हत्या करने के मामलों में वृद्धि हुई और ये 84 प्रतिशत हो गए हैं.

लगातार पांचवां साल, जब विश्व में कम से कम 250 पत्रकार हिरासत में: कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर इस महीने की शुरुआत में कम से कम 274 पत्रकारों को जेल जाना पड़ा जिनमें 36 महिला पत्रकार हैं. पत्रकारों को जेल में रखने के मामले में चीन सबसे ऊपर है.

मीडिया बोल, एपिसोड 29: मीडिया के लिए साल 2017 कैसा रहा?

मीडिया बोल की 29वीं कड़ी में उर्मिलेश साल 2017 में मीडिया से जुड़े मसलों और मुश्किलों पर वरिष्ठ पत्रकार प्रंजॉय गुहा ठाकुरता और स्मिता शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.

गौरी लंकेश बनीं पत्रकारों के संघर्ष की प्रतीक, भारत में इस साल नौ पत्रकारों को गंवानी पड़ी जान

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भारत में पत्रकारों की हत्या की निंदा करते हुए ऐसी घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर की है.