मालवीय नगर के बेगमपुर के एक मदरसे में पढ़ने वाले आठ वर्षीय मोहम्मद अज़ीम का खेल के दौरान कुछ बच्चों के साथ झगड़ा हो गया था. पुलिस ने केस दर्ज कर चार आरोपी बच्चों को हिरासत में लिया है, जिनकी उम्र 12 से 13 साल के बीच है.
बिहार के रोहतास ज़िले का मामला. सीतामढ़ी ज़िले में हुई एक अन्य घटना में पैसे छीनने के आरोप में युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में दलित चौकीदार की ज़मीन पर दबंगों ने साल 2005 से क़ब्ज़ा कर रखा था. पुलिस ने 13 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया.
हम देश के एक छोटे से क़स्बे में पले-बढ़े लेकिन उस दौर में लोगों का दिलो-दिमाग राजनीति ने इतना छोटा नहीं था, जबकि देश का विभाजन हुए बहुत अरसा भी नहीं बीता था. नफ़रत की ऐसी आग नहीं लगी हुई थी, जैसी आज लगी है.
राजस्थान के दौसा में हुई घटना के संबंध में पुलिस ने चार युवकों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया है. अभी तक किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है.
विशेष मकोका अदालत ने राजन को उकसाने के आरोप में पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा को बरी कर दिया. पॉलसन जोसेफ को भी बरी कर दिया गया. उन पर साज़िश से जुड़े वित्तीय लेन-देन का आरोप था.
सांप्रदायिकता से इसलिए मत लड़िए कि कांग्रेस-बीजेपी करना है. ये पार्टियां या तो चुप रहकर सांप्रदायिकता करती हैं या फिर खुलेआम. इनके आने-जाने से यह लड़ाई कभी अंजाम पर नहीं पहुंचती है.
जिस समाज में प्रेम के ख़िलाफ़ इतने सारे तर्क हों, उस समाज को अंकित की हत्या पर कोई शोक नहीं है, वह फ़ायदे की तलाश में है.
लोकप्रिय दक्षिण भारतीय फिल्म कलाकार ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हत्या का पक्ष लेने वाला व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता.
अदालत ने सुहैब को मुआवज़े के बतौर 10 लाख रुपये अंजू के माता-पिता को देने का निर्देश भी दिया है.
उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने शामली में युवती की हत्या की निंदा की. प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष ने क़ानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार को घेरा.
आरोपी छात्र ने कथित तौर पर इस अपराध को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि वह चाहता था कि पूर्व निर्धारित पेरेंट्स-टीचर मीटिंग और परीक्षा टल जाए.
उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि तीन में से दो हमलावरों की पहचान कर ली गई है. उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
यह ‘अच्छे स्पर्श’ और ‘बुरे स्पर्श’ की सरलीकृत बायनरी से आगे बढ़ने का वक़्त है. बच्चों के लिए न विशेष अदालतें हैं, न काउंसलिंग के इंतज़ाम हैं, न ही सुरक्षित वातावरण जिसमें वह पल-बढ़ सकें.
स्कूलों में बढ़ते अपराधों के मद्देनज़र हुई बैठक में निर्भया फंड का उपयोग विद्यालयों की सुरक्षा में करने और स्कूल बसों में महिला ड्राइवर नियुक्त करने जैसे फैसले लिए गए.