घटना उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में बीते 28 जुलाई को हुई. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद का मामला बताकर स्थानीय अदालत में एक अंतरधार्मिक विवाह रुकवाया था. इसके बाद युवती के पिता की शिकायत के बाद युवक के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. शुरुआत में युवती ने कहा था कि वह दलित समुदाय से है, बालिग है और अपनी मर्ज़ी से शादी कर रही है.
आज़ादी के सात दशक बाद भी जो औरतें धर्म या जाति की सीमाओं के बाहर जीवनसाथी चुनने का साहस दिखाती हैं, उन्हें परिवार और समाज के साथ पुलिस और नेताओं की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. वक़्त आ गया है कि महिलाओं द्वारा साथी के चयन को मूल अधिकारों की श्रेणी में शामिल किया जाए और इसकी रक्षा के लिए परिवार, समुदाय, राजनीतिक दलों और राज्य की कट्टरता के विरुद्ध खड़ा हुआ जाए.
बकरीद या ईद-उल-अजहा के मौके पर गायों और ऊंटों को अवैध रूप से मारने पर रोक लगाने वाले आदेश को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश में गोवंश के पशुओं के वध पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है.
असम में साल 2012 में बोडो और बांग्ला भाषी मुस्लिमों के भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए थे. इस दौरान विस्थापित हुए एक परिवार की तस्वीर को राज्य सरकार के गृह विभाग ने फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के बारे में जानकारी देते हुए अपने पेज पर लगाया है.
वीडियो: एक तरफ़ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का देश की एकता को लेकर बयान आता है और दूसरी तरफ़ अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ कुछ भाजपा नेता नफ़रत की आग फैला रहे हैं. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
बीते कुछ दिनों से हरियाणा में एक के बाद एक हो रही महापंचायतें मुस्लिम-विरोधी आह्वानों से गूंज रहीं हैं. देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ भाषाई और शारीरिक हिंसा रोज़ हो रही है, लेकिन नफ़रत का यूं खुला आयोजनपूर्वक प्रचार क्या बिना मक़सद किया जा रहा है? क्या जब बड़ी हिंसा होगी, हत्याएं होंगी, तभी हम जागेंगे?
वीडियो: दिल्ली का उत्तम नगर इलाके में लगभग 500 रेहड़ी-पटरी की दुकानें रोज़ लगती हैं. इनमें से अधिकांश मुस्लिम विक्रेता हैं. बीते 18 जून को एक फल विक्रेता और एक दुकानदार के बीच हुई कहासुनी के बाद बजरंग दल ने कुछ पोस्टर लगाए थे जिसमें लिखा था ‘सभी हिंदुओं से निवेदन है कि किसी भी असामाजिक फ्रूट रेहड़ी वाले से ख़रीददारी न करे’. इसके बाद फल विक्रेताओं को अपनी रोज़ी कमाने के लिए मशक़्क़त करनी पड़ रही है.
जब हम उन लोगों के लिए और उनके साथ शोक मनाते हैं जो हमारे धर्म, भाषा और रंग के नहीं होते, तब हम उनकी कमज़ोरी और दुख के साथ ख़ुद को जोड़ते हैं. शोक संवेदना से सहभागिता का जन्म होता है. जब हम किसी के साथ शोक प्रकट करते हैं तो उनके जीवन की ज़िम्मेदारी लेते हैं. यह खोखला काम नहीं हो सकता.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की अल्पसंख्यक इकाई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम में कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा है. जो लोग लिंचिंग में शामिल हैं, वे हिंदुत्व के ख़िलाफ़ हैं. कई विपक्षी नेताओं ने उनके बयान पर 'कथनी-करनी का अंतर' कहते हुए निशाना साधा है.
शुरुआत में भारत ने नव-उपनिवेशवाद और इज़राइल द्वारा फ़िलिस्तीनी ज़मीन के अतिक्रमण की मुखर तौर पर निंदा की, लेकिन यह विरोध धीरे-धीरे कम हो गया. भारत का रुख कमज़ोर हुआ क्योंकि इज़राइल के साथ आर्थिक और सैन्य संबंध जुड़ गए. अब ये रिश्ते हिंदुत्व व यहूदीवाद की लगभग समान विचारधारा पर फल-फूल रहे हैं.
अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर ने भारत में धार्मिकता को लेकर सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट दिखाती है कि हम भारतीय दूर से सलाम का उसूल मानते हैं. आप हमसे ज़्यादा दोस्ती की उम्मीद न करें, हम आपको तंग नहीं करेंगे जब तक आप अपने दायरे में बने रहें.
वीडियो: कश्मीर में दो सिख लड़कियों के धर्म परिवर्तन और निकाह का मामला तूल पकड़ चुका है. सिख समुदाय के लोग कश्मीर से लेकर नई दिल्ली तक प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि कश्मीर में आए दिन अपहरण, दबाव बनाकर तो कभी बहला-फुसलाकर लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने जम्मू कश्मीर के पत्रकारों गौहर गिलानी, शाकिर मीर और समाजसेवी कंवलजीत कौर से चर्चा की.
वीडियो: देश में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फ़िर सुर्खियों में है. यह एक ऐसा विषय है जिस पर समय दर समय राजनीति होती रहती है. इस मसले पर राजनीति शास्त्री नीरा चंडोक से बात कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
यह मामला फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में हुई एक कथित हत्या से संबंधित है. कोर्ट ने आरोपियों को ज़मानत देते हुए इस तथ्य को रेखांकित किया कि अधिकतर आरोपी एक साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में हैं.
वीडियो: कुछ ही समय पहले पत्रकार ग़ज़ाला वहाब की एक किताब आई है, ‘बॉर्न अ मुस्लिम- सम ट्रूथ्स अबाउट इस्लाम इन इंडिया’. इस सिलसिले में ग़ज़ाला से विशेष बातचीत.