इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत आरोपी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का मामला. मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ पहले से शादीशुदा महिला से शादी करने को लेकर धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहा कि महिला वयस्क हैं और वह अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझती हैं.

‘लव जिहाद’ को लेकर हो रही राजनीति संघी मनुवाद का नया संस्करण है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.

तबलीग़ी जमात: दिल्ली की अदालत ने 36 विदेशियों को सभी आरोपों से बरी किया

दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ वीज़ा शर्तों के उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों को लेकर चार्जशीट दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने ठोस सबूत नहीं मिलने पर सभी को बरी कर दिया.

यूपी: धर्मांतरण क़ानून में पति गिरफ़्तार, अदालत में पत्नी ने कहा- बालिग हूं, मर्ज़ी से किया निकाह

मामला मुरादाबाद का है, जहां पांच दिसंबर को पुलिस ने नए धर्मांतरण क़ानून के तहत 25 वर्षीय राशिद और उनके भाई को गिरफ़्तार कर राशिद की गर्भवती पत्नी पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया था. पिंकी ने वहां इंजेक्शन देकर गर्भपात किए जाने का आरोप लगाया है, हालांकि डॉक्टरों ने ऐसा होने से इनकार किया है.

उत्तर प्रदेशः नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत सातवां मामला दर्ज, दिहाड़ी मज़दूर गिरफ़्तार

मामला बिजनौर का है, जहां एक दिहाड़ी मज़दूर अफ़ज़ल को प्रदेश में लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने अफ़ज़ल पर अपहरण का आरोप भी लगाया है.

उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश की क़ानूनी ग़लतियां इसे लाने की असली मंशा दिखाती हैं

मध्य प्रदेश और ओडिशा के धर्मांतरण विरोधी क़ानूनों में कहीं भी अंतर-धार्मिक विवाह का ज़िक्र नहीं था और न ही सुप्रीम कोर्ट ने उस पर कोई टिप्पणी की थी. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का ऐसा कोई अधिकार नहीं बनता कि वो बिना किसी प्रमाण या तर्क के अंतर-धार्मिक विवाहों को क़ानून-व्यवस्था से जोड़ दे.

यूपी पुलिस ने लव जिहाद की अफ़वाह पर मुस्लिम युवक-युवती की शादी रुकवाई

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के कसया क़स्बे का मामला. युवक ने पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है. यह भी आरोप है कि पुलिस ने युवक-युवती को तब तक हिरासत में रखा, जब तक कि युवती के भाई ने प्रमाण देते हुए ये नहीं बताया दिया कि दोनों जन्म से मुस्लिम हैं और धर्मांतरण नहीं हुआ है.

उत्तर प्रदेश: अंतर-धार्मिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे दो भाई गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के कांठ कस्बे का मामला. प्रदेश में ​बीते 28 नवंबर को धर्मांतरण विरोध क़ानून लागू होने के बाद ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं. तीन दिसंबर को अलीगढ़ शहर में अंतर धार्मिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे एक मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया गया था.

तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने से हत्या के प्रयास का केस कानून का दुरुपयोगः हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश के मऊ निवासी युवक पर मार्च महीने में तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी जान-बूझकर स्थानीय प्रशासन को नहीं देने और दिल्ली से घर लौटने पर स्वेच्छा से क्वारंटीन नहीं होने का आरोप था.

उत्तर प्रदेश: अंतर धार्मिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराने जा रहा युवक गिरफ़्तार

मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है. आरोप है कि युवक ने अपनी पहचान छिपाकर पंजाब के मोहाली शहर की एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की और विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन कराने अलीगढ़ आया हुआ था. इस दौरान कुछ अराजक तत्वों ने युवक की पिटाई भी की थी.

उत्तर प्रदेश: धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत पहला केस पुलिस के दबाव में दर्ज होने का आरोप

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत एक मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ 28 नवंबर को पहला मामला दर्ज कराया गया था. लड़की के परिवार पर दबाव डालकर केस दर्ज कराने के आरोप से पुलिस ने इनकार किया है.

उत्तर प्रदेश: परिवारों की सहमति के बावजूद लखनऊ पुलिस ने अंतर धार्मिक शादी रुकवाई

पुलिस के अनुसार, हिंदू युवा वाहिनी के कुछ सदस्यों ने शादी को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत अंतर धार्मिक विवाह के लिए ज़िला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है. इसकी जानकारी युवक-युवती के परिवारों को दे दी गई है, उन्होंने मंज़ूरी मिलने के बाद शादी करने पर सहमति जताई है.

परिवारों के हस्तक्षेप के बिना दो वयस्क साथ-साथ रह सकते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ़र्रुख़ाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिव-इन में रह रहे एक युवक-युवती को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, जो अपने पारिवारिक सदस्यों की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू होने के बाद दर्ज पहले मामले का आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश बरेली ज़िले का मामला. राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए लाए गए क़ानून के तहत यह पहला गिरफ़्तारी है. इस क़ानून में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है.

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