महज़ जिहाद शब्द के इस्तेमाल के आधार पर किसी को आतंकी नहीं ठहरा सकते: कोर्ट

महाराष्ट्र के अकोला की एक विशेष अदालत ने तीन लोगों को आतंकवाद के आरोपों से बरी करते हुए कहा कि केवल 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करने पर किसी को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता.

‘धर्म की कोई बात नहीं है, जो दरिंदा है उसे सज़ा हो, किसी बेगुनाह को नहीं’

ग्राउंड रिपोर्ट: अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की नृशंस हत्या के बाद क़स्बे में तनाव का माहौल है. जहां आरोपियों के मुसलमान होने के चलते घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वहीं स्थानीयों का कहना है कि हिंदू-मुसलमान साथ मिलकर बच्ची के लिए इंसाफ़ की लड़ाई लड़ेंगे.

क्या हिंदुत्ववादियों का भारतीय मुसलमानों को लेकर फैलाया गया झूठ हक़ीक़त में बदल सकता है

2014 के बाद से बिना किसी प्रमाण के देश के मुसलमानों को हिंदू-विरोधी और धार्मिक रूप से कट्टरपंथी बताया जा रहा है. लेकिन डर है कि अगले पांच सालों में उनमें से कुछ ऐसे चुनाव कर सकते हैं, जो उनके समुदाय के बारे में गढ़े गए झूठ को वास्तविकता में बदल देंगे.

‘बहुमत’ की खोज

पूर्व में बहुमत अंकगणित से हासिल होता था, जो सामाजिक समूहों को एक साथ जोड़कर होता था, यह बहुमत सिर्फ वैचारिक मंच पर ही नहीं, बल्कि सत्ता में सभी की भागीदारी का वादा करके हासिल होता था. 2014 में भाजपा ने ख़ुद को चुनावी अंकगणित से दूर कर लिया और ध्रुवीकरण की प्रक्रिया से राष्ट्रीय बहुमत हासिल किया.

क्या 2019 की नरेंद्र मोदी सरकार 2014 की सरकार से अलग होगी?

क्या नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जल्द ही उन्हें हासिल जनादेश की ग़लत व्याख्या करने और उसको अपनी सारी कारस्तानियों पर जनता की मुहर मान लेने की ग़लती करने लगेगी?

क्या भाजपा की जीत को ‘भारत की जीत’ कहा जा सकता है?

नरेंद्र मोदी की जीत का भारत के लिए क्या अर्थ निकलता है? एक हद तक यह उन्हें और भाजपा को दावा करने का मौका देता है कि पिछले पांच सालों में उन्होंने जो कुछ भी किया है, उसके प्रति जनता ने अपना विश्वास जताया है. पर क्या यह सच है?

लोकसभा में पांच फीसदी से कम हुआ मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व, भाजपा से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं

लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली पार्टियों में से भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी तरफ से एक भी मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा है. 542 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों जीत दर्ज की है.

कांग्रेस की मौत की कामना करना कितना उचित है?

पिछले पांच साल से देश को कांग्रेसमुक्त करने का आह्वान भाजपा नेताओं के द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन न सिर्फ यह कि वह अप्रासंगिक नहीं हुई, बल्कि इस चुनाव में भी भाजपा के लिए वही संदर्भ बिंदु बनी रही. जनतंत्र की सबसे अधिक दुहाई देनेवाले समाजवादियों को जनसंघ या भाजपा के साथ कभी वैचारिक या नैतिक संकट हुआ हो, इसका प्रमाण नहीं मिलता.

क्या बनारस में बुनकरों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अच्छे दिन लाने का वादा जुमला साबित हुआ?

ग्राउंड रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी ने बनारस में बुनकरों से जुड़े कई वादे किए थे लेकिन पांच साल बाद स्थानीय बुनकर अच्छे दिनों के नारे और वादे के बीच ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

फिलिस्तीनियों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाना हिंसा के प्रति दुनिया की बेपरवाही का सबूत है

फिलीस्तीन के ज़ख़्म से ख़ून धीरे-धीरे रिस रहा है, लेकिन वह हमारी आत्माओं को नहीं छूता. जिस तरह दुनिया का हर मुल्क इस्राइल के साथ गलबहियां करने में एक दूसरे से प्रतियोगिता कर रहा है, उससे यह साबित होता है कि फिलिस्तीनियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.

द वायर बुलेटिन: सेना ने सरकार को लिखा- घटिया गुणवत्ता वाले गोला-बारूद मिलने के कारण बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

श्रीलंका में मुस्लिम विरोधी दंगों में एक व्यक्ति की मौत, उत्तर पश्चिम प्रांत में कर्फ्यू लगने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट

मुस्लिम औरतों को धर्म के पिंजरे में सुरक्षित रहने की गारंटी कौन दे रहा है?

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक यूथ फेडरेशन ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें औरतों को इस्लाम के पिंजरे में क़ैद पंछी की शक्ल दी गई. बताया गया कि ये पिंजरा ही वो महफ़ूज़ जगह है, जहां औरतें न सिर्फ़ नेकियां कमा सकती हैं बल्कि तमाम 'ज़हरीली' विचारधाराओं से बची रह सकती हैं.

उत्तर प्रदेश में बसपा द्वारा बांटे गए टिकट जातीय समीकरण साधने की ओर इशारा करते हैं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.

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