गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.
यूनीफॉर्म सिविल कोड के नाम पर चैनलों और अखबारों में कितनी बहस चलाई गई और मुसलमानों के प्रति नफ़रत का वट वृक्ष खड़ा किया जाता रहा. इस डिबेट में पहले भी कुछ नहीं था, अब भी कुछ नहीं है.
विधि आयोग ने विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता से संबंधित कानूनों तथा महिलाओं और पुरुषों की विवाह योग्य उम्र में बदलाव के सुझाव दिए हैं.
1984 के राजीव गांधी और 1993 के नरसिम्हा राव की तरह वाजपेयी इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जिन्होंने पाठ तो सहिष्णुता का पढ़ाया, मगर बेगुनाह नागरिकों के क़त्लेआम की तरफ़ से आंखें मूंद लीं.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
मेव समुदाय धार्मिक रूप से मुसलमान है लेकिन सांस्कृतिक रूप से हिंदू परंपराओं के क़रीब है. इनका गायों से एक सांस्कृतिक नाता है. कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास 500 से हज़ार गाएं हैं. यहां तक कि बेटियों की शादी में भी गाय देने की रीत है.
अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन वह शहरी मध्यवर्ग, जो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सड़कों पर उतर आया था, वह इस हिंसा पर उदासीन बना हुआ है.
बाड़मेर के रामसर में 20 जुलाई को 22 वर्षीय दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या के मामले में गिरफ़्तार दो आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि जांच जारी है.
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने अपने पद की गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई है. उन्होंने जो कहा उसका हम कड़ा विरोध करते हैं. यह उनकी बीमार मानसिकता को दिखाता है.’
जन गण मन की बात की 275वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस नेता शशि थरूर के देश के हिंदू पाकिस्तान बनने को लेकर दिए गए बयान और आमों पर चर्चा कर रहे हैं.
अपना दल (सोनेलाल) के नेता सोनेलाल पटेल की 69वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, ‘एक बार बिहार में मुझे मौका मिला. मैंने मुसलमान मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की लेकिन लालू यादव, राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे.’
अशांत क्षेत्र क़ानून लाने का उद्देश्य मजबूरन बिक्री और सांप्रदायिक तनाव के समय होने वाली अंतरधार्मिक ख़रीद-फ़रोख़्त को रोकना था, लेकिन गुजरात में पिछले तीन दशकों से इसका इस्तेमाल मुस्लिमों को मिली-जुली आबादी से बाहर खदेड़ने के लिए किया जा रहा है.
पिछले साल झारखंड के रामगढ़ में कथित तौर पर गोमांस के शक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारे गए अलीमुद्दीन अंसारी के बाद इसी इलाके में एक और व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
आम जनमानस में उर्दू मुसलमानों की भाषा बना दी गई है, शायद यही वजह है कि रमज़ान की मुबारकबाद देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उर्दू को चुना. सच यह है कि जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू नहीं बोली जाती.
हिंदू-मुसलमान का एक्शन, ‘हिंदू खतरे में है’ का नाच, जेएनयू पर डायलॉग, संसद का सास-बहू, लव जिहाद का धोखा... पूरा देश समाचारों में एकता कपूर के सीरियल देख रहा है, वहीं भुखमरी, किसान आत्महत्या, बलात्कार, बेरोज़गारी, निर्माण और उत्पादकता का विनाश, महिला और दलित उत्पीड़न के बारे में नज़र आती है तो केवल... चुप्पी.