पूर्व नौकरशाहों सहित नागरिक समाज के सदस्यों के एक समूह द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि गाजियाबाद जिला प्रशासन और यूपी पुलिस ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है, जिसमें अधिकारियों को सांप्रदायिक गतिविधियों और नफरती भाषणों में लिप्त व्यक्तियों या समूहों के ख़िलाफ़ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
आगामी 17 से 21 दिसंबर तक यति नरसिंहानंद की अध्यक्षता में विश्व धर्म संसद होने जा रही है. इसकी वेबसाइट कहती है कि इस्लाम की समाप्ति के लिए यह कार्यक्रम किया जा रहा. क्या हिंदू धर्म का अपने आप में अस्तित्व नहीं है कि ये लोग धर्म की विरोधात्मक परिभाषा दे रहे हैं?
18 जनवरी 1948 को अपने अंतिम उपवास को समाप्त करने के ठीक नौ दिन बाद, यानी अपनी हत्या से 3 दिन पहले गांधी दिल्ली के महरौली स्थित दरगाह क़ुतुबउद्दीन बख़्तियार काकी की मज़ार पर गए थे. दिल्ली में शांति और सौहार्द क़ायम करने के लिए की गई इस यात्रा को उन्होंने तीर्थ यात्रा कहा था. यह उनकी आखिरी सार्वजनिक यात्रा थी.
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार के ख़िलाफ़ रविवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान कोलकाता में ढाकाई जामदानी साड़ियों को जलाया गया. वहीं, दुर्गापुर महोत्सव में बांग्लादेशी व्यापारियों को निशाना बनाया गया.
अगस्त 2021 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हिंदू महिलाओं को कथित तौर पर परेशान करने के आरोप में भीड़ ने एक चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली को बुरी तरह पीटा था. अब स्थानीय अदालत ने उन्हें छेड़छाड़ के उस मामले में बरी कर दिया है, जिसके लिए उन्होंने 107 दिन जेल में बिताए थे.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने द वायर के लिए करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मस्जिदों के सर्वेक्षण की अनुमति देकर पूर्व सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 'संविधान और देश के साथ बहुत अन्याय किया' है.
उन्नीस नवंबर को याचिका दायर हुई, उन्नीस को ही अदालत ने सर्वे की अनुमति दे दी. उसी दिन सर्वे भी हो गया. जामा मस्जिद का पहला सर्वे रात के अंधेरे में हुआ, तो दूसरा एकदम सुबह हो गया. जो आधिकारिक प्रक्रिया दिन की रौशनी में आराम से पूरी हो सकती थी, उसे बेवक्त अंजाम दिया गया. ऐसा कब होता है कि किसी ऐतिहासिक इमारत का सर्वे पहले अंधेरे में हो, और उसके बाद सुबह जब लोग अमूमन दुकान भी नहीं
पूर्व राजदूतों, मुख्य सचिवों और अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में बिगड़ते सांप्रदायिक संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच तनावपूर्ण संबंधों ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अत्यधिक चिंता और असुरक्षा पैदा कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले अदालती आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका सुनते हुए याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा है. साथ ही, ज़िला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इलाके में शांति बनी रहे.
संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा को लेकर पुलिस ने दो महिलाओं समेत 25 मुस्लिमों को गिरफ़्तार किया है और सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क समेत करीब 2,500 लोगों पर केस दर्ज किया है. पुलिस का दावा है कि उसने भीड़ के ख़िलाफ़ किसी भी घातक हथियार का इस्तेमाल नहीं किया.
आंबेडकर का कहना था कि हिंदू राज इस देश के लिए सबसे बड़ी आपदा होगी क्योंकि हिंदू राष्ट्र का सपना आज़ादी, बराबरी और भाईचारे के ख़िलाफ़ है, और यह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से मेल नहीं खाता.
संभल में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रही भीड़ की पुलिस के साथ 24 नवंबर को हुई झड़प में तीन मुस्लिमों की मौत हुई है. स्थानीय मुस्लिमों का आरोप है कि तीनों पुलिस की गोलीबारी में मारे गए, जबकि प्रशासन ने दावा किया है कि वे भीड़ के बीच क्रॉस-फायरिंग का शिकार हुए.
यूपी उपचुनाव के नतीजों के समय याद रखना चाहिए कि मतदान के दिन कई जगह पुलिसकर्मी नापसंद मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए उनके पहचान पत्र चेक करते, राह रोकते, उन पर रिवॉल्वर तक तानते दिखे थे. सत्ता तंत्र इस तरह चुनाव कराने लगेगा तो लोकतंत्र का भविष्य क्या होगा.
महाराष्ट्र चुनाव महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच का मुक़ाबला है. इसके बीच स्वयं को दलित-मुस्लिम या बहुजन समुदाय की रहनुमा बताने वाले एआईएमआईएम और वंचित बहुजन अघाड़ी अपनी जगह तलाश रहे हैं.
नासिरा शर्मा ने कई फ़िलिस्तीनी रचनाकारों का अनुवाद किया है. उनकी हालिया किताब, फ़िलिस्तीन: एक नया कर्बला, में उनके अनुवादों के साथ इस विषय पर राजनीतिक निबंध भी शामिल हैं. वे इस लेख में अनुवाद प्रक्रिया से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रही हैं. उनके अनुसार ये रचनाएं समय की छाती पर लिखी इबारतें हैं जो हथियारों के सामने तनकर खड़ी हैं.