वकील वृंदा ग्रोवर ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2019 में राजद्रोह के 30 मामलों में फ़ैसला आया, जहां 29 में आरोपी बरी हुए और महज़ एक में दोषसिद्धि हुई. ग्रोवर ने बताया कि 2016 से 2019 के बीच ऐसे मामलों की संख्या 160 प्रतिशत तक बढ़ी है.