पीडीपी नेता नईम अख़्तर द्वारा दायर मामले को रद्द करते हुए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा कि आधिकारिक पदों पर बैठे लोगों से जुड़े आरोपों की रिपोर्टिंग करना मानहानिकारक नहीं कहा जा सकता. अख़्तर ने 2018 में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी और पत्रकार आदित्य राज कौल पर जानबूझकर उनके बारे में 'दुर्भावनापूर्ण समाचार' प्रसारित करने का आरोप लगाया था.
पीडीपी नेता नईम अख़्तर को नज़रबंदी से रिहा करने का यह क़दम 24 जून को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले उठाया गया है, जिसमें शामिल होने को लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित मुख्यधारा के क्षेत्रीय दलों के भीतर विचार-विमर्श चल रहा है. यह बैठक विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत बुलाई गई है.
पीडीपी नेता नईम अख़्तर और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता हिलाल लोन को पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद प्रशासन ने हिरासत में लिया गया था. अब पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती मुख्यधारा की आख़िरी नेता हैं, जिन्हें पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है.