दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन में हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. विश्वविद्यालय ने बिना अनुमति प्रवेश और छात्रों व सुरक्षा गार्डों पर हमले के आरोप में पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने की याचिका दायर की थी.
बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति नजमा अख़्तर ने विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के मद्देनज़र कैंपस में घुसने को लेकर दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर सख़्त कार्रवाई की मांग की थी.
नजमा दिल्ली की किसी केंद्रीय यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर हैं. वह इससे पहले एनआईईपीए में शैक्षणिक प्रशासन विभाग के प्रमुख के पद पर थीं.