राज्य में भाजपा के सहयोगी आईपीएफटी के प्रमुख एनसी देबबर्मा ने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि बड़ा घटक दल होने के कारण भाजपा महत्वपूर्ण विभाग हमारे विधायकों को नहीं देगी.
सूचना का अधिकार कानून की धारा 8(1)(जे) के तहत निजी सूचना से जुड़ी ऐसी जानकारियां नहीं देने की छूट है जिनका व्यापक जनहित से कोई संबंध नहीं है या जिससे किसी व्यक्ति की निजता में अवांछित दखल होता हो.
दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में लगी थी लेनिन की मूर्ति. भाजपा कार्यकर्ताओं पर प्रतिमा ढहाने का आरोप. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.
आईपीएफटी प्रमुख ने कहा बिना आदिवासियों के समर्थन के भाजपा को बहुमत मिलना मुमकिन नहीं था, इसलिए सदन का नेता आदिवासी होना चाहिए.
सोहराबुद्दीन-कौसर बी. और तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर मामले की जांच से अप्रैल 2014 में हटा दिया गए नगालैंड कैडर के आईपीएस अधिकारी संदीप तामगाडे के ख़िलाफ़ जांच बैठा दी गई है.
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के 15 महीने बाद बाज़ार में लगभग उतना ही कैश आ गया है जितना 8 नवंबर 2016 से पहले था.
वित्त मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने आरटीआई के तहत काले धन को लेकर मांगे गए रिसर्च रिपोर्ट को उजागर करने से इनकार कर दिया है.
विशेष रिपोर्ट: प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने बताया कि कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी महीने का वेतन संस्थान की आकस्मिक निधि से दिया गया है.
चाहे हीरा-व्यापार का मामला हो या बुनियादी ढांचे की कुछ बड़ी परियोजनाएं, काम करने का तरीका एक ही रहता है- परियोजना की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और बैंकों व करदाताओं का ज़्यादा से ज़्यादा पैसा ऐंठना.
जन गण मन की बात 204वीं कड़ी में विनोद दुआ लोकपाल चयन समिति की बैठक से कांग्रेस के बहिष्कार और नमामी गंगे परियोजना पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में डीयू ने कहा कि वह साल 1978 के बीए के विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं करवा सकता. डीयू का दावा है कि इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से बीए किया था.
जन गण मन की बात 203वीं कड़ी में विनोद दुआ कार्ति चिदंबरम की गिरफ़्तारी और कर्नाटक में किसानों द्वारा अमित शाह के घेराव पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोटबंदी से संबंधित सूचना देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी आरटीआई कानून के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आती. इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित होंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में देने से समस्या ख़त्म हो जाएगी, ऐसा सोचना अज्ञानता के अलावा कुछ नहीं है.
जन गण मन की बात की 202वीं कड़ी में विनोद दुआ संघ के एजेंडे और मोदी सरकार पर चर्चा कर रहे हैं.