2014 में पुणे में 24 वर्षीय मोहसिन शेख़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप हिंदू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं पर लगा था. मोहसिन के पिता सादिक़ कहते हैं, 'भीड़ द्वारा आस्था का झंडा उठाकर यह जो हत्या करने का काम है, उसपर लगाम लगना ज़रूरी है.'
क़र्ज़माफी को किसानों को दिए गए खैरात के तौर पर न देख कर उस क़र्ज़ के एक छोटे से हिस्से की अदायगी के तौर पर देखा जाना चाहिए, जो हम पर बकाया है.
योग दिवस के कार्यक्रम में 51 हज़ार लोगों को जुटाने की योजना थी, जिसके लिए पूरे परिवहन विभाग को ड्यूटी पर लगा दिया गया.
सूचना का अधिकार के तहत दायर आवेदन के जवाब में सीआरपीएफ ने ये बात कही.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए किसानों की हत्या के विरोध में गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत हुई.
मध्य प्रदेश में 24 घंटे में तीन किसानों ने की आत्महत्या. भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय बोले- क़र्ज़ नहीं, पारिवारिक कारण या फ्रस्ट्रेशन है आत्महत्या की वजह.
सोलह से अधिक राज्यों के किसानों ने मिलकर बनाई समन्वय समिति. 16 जून को दिल्ली में बैठक के बाद तय होगी किसान आंदोलन की रणनीति.
सोशल मीडिया पर भारतीय सैनिकों की फर्ज़ी तस्वीर और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फर्ज़ी वीडियो साझा करने के बाद संबित पात्रा एक बार फिर झूठी ख़बर फैलाते हुए पाए गए हैं.
केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 में बदलाव करने की मांग की है.
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव ने सवाल उठाया कि किसान कृषि सामग्री को अधिकतम खुदरा मूल्य पर ख़रीद रहे हैं तो उन्हें न्यूनतम बिक्री मूल्य क्यों मिलना चाहिए.
जन गण मन की बात की 65वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री जन धन योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
गुजरात में 2989 करोड़ रुपये की लागत से 182 मीटर की सरदार पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ प्रतिमा बनाई जा रही है. अभी महज़ 59 मीटर ही बन पाई है. 2018 तक पूरा करने का है लक्ष्य.
मौजूदा अधिकारी केजरीवाल सरकार के साथ काम नहीं करना चाहते और नए अधिकारी यहां आने को तैयार नहीं है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर गृह मंत्री ने अपने मंत्रालय के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया.
शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है, जब देश के किसी न किसी कोने से किसानों की आत्महत्या की खबरें न आती हों. हार किसानों की नहीं हुई है. ये हार अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्माताओं की है, जिन्होंने किसानों को मझधार में छोड़ दिया है.