राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के बढ़े बजट पर कांग्रेस का सवाल- क्या पेगासस खरीद थी वजह

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय की बीते कई सालों की बजट राशि की तुलना करते हुए कहा कि साल 2017-2018 में साइबर सुरक्षा अनुसंधान और विकास नाम की एक नई श्रेणी जोड़ते हुए अनुदान आवंटन पिछले साल के 33 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 333 करोड़ रुपये किया गया. कथित तौर पर उसी साल पेगासस जासूसी शुरू हुई.

आधी रात को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद सर्विलांस सूची में डाला गया था सीबीआई निदेशक का नंबर

पेगासस प्रोजेक्ट: पेगासस के ज़रिये सर्विलांस संबंधित लीक हुई सूची में अक्टूबर 2018 में सीबीआई बनाम सीबीआई विवाद का प्रमुख हिस्सा रहे आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के भी नंबर शामिल हैं. संभावित सर्विलांस की सूची में वर्मा के साथ उनकी पत्नी, बेटी व दामाद समेत परिवार के आठ लोगों के नंबर मिले हैं.

फॉरेंसिक प्रमाण दिखाते हैं कि कश्मीर के फोन नंबरों की भी निगरानी की कोशिश हुई थी

बिलाल लोन और मीरवाइज़ जैसे अलगाववादियों के अलावा निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले दिल्ली के एक प्रमुख कार्यकर्ता, कई पत्रकार और मुख्यधारा के कुछ नेताओं के परिवार के सदस्य शामिल हैं.

केंद्र का जासूसी के आरोपों की जांच से इनकार, केंद्रीय मंत्री ने रिपोर्ट को ‘अतिरंजित’ बताया

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत कई रिपोर्ट की श्रृंखला में द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा बताया गया है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए पत्रकारों, नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कुछ सरकारी अधिकारी व कारोबारियों को संभावित टारगेट के तौर पर चुना गया था.

हमें गंगा में तैरती लाशों से माफ़ी मांगनी चाहिए: राजद सांसद मनोज झा

वीडियो: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि संसद को उन लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए, जो कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मारे गए, लेकिन जिनकी मौत को स्वीकार नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि इन मौतों ने हमारी विफ़लता का एक जीवित दस्तावेज़ छोड़ दिया है.

दलाई लामा के क़रीबी, तिब्बत के अधिकारियों पर थी एनएसओ ग्रुप के क्लाइंट की नज़र

पेगासस प्रोजेक्ट: लीक हुए डेटाबेस से पता चला है कि कई तिब्बती अधिकारी, कार्यकर्ता और धर्मगुरु के फोन नंबर 2017 के अंत से 2019 की शुरुआत तक पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए चिह्नित किए गए थे.

निगरानी सूची में असम और नगा शांति वार्ता से जुड़े बड़े नेताओं के नंबर शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: असम के दो बड़े नेताओं, एक मणिपुरी लेखक और प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के कई नेताओं के नंबर उस सूची में दर्ज हैं, जिनके फोन को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये हैक कर निगरानी करने की संभावना जताई जा रही है.

पेगासस जासूसी: तीन हफ़्ते पहले एनएसओ ने स्पायवेयर के दुरुपयोग को किया था स्वीकार

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेगासस स्पायवेयर विकसित करने वाले इज़रायल के एनएसओ ग्रुप ने अपने एक दस्तावेज़ में स्वीकार किया था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है. इसके ज़रिये ऐसी जानकारी भी निकाली जा सकती है जो किसी व्यक्ति को ठेस पहुंचाती हो और राष्ट्रीय सुरक्षा या क़ानून के पालन से न जुड़ी हो.

एडिटर्स गिल्ड ने पेगासस फोन टैपिंग आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.

पेगासस जासूसी के निशाने पर आंबेडकरवादी, श्रम कार्यकर्ता और जेएनयू छात्र भी थे

वीडियो: पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा प्राप्त किए गए लीक डेटाबेस में ऐसे कई जाति-विरोधी एवं नामी कार्यकर्ताओं के नंबर शामिल हैं, जिनकी इज़रायल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा निगरानी किए जाने की संभावना है. इसमें आंबेडकरवादी कार्यकर्ता अशोक भारती, जेएनयू के छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्य करने वाली बेला भाटिया आदि के नंबर शामिल हैं.

जासूसी, महंगाई, जनसंख्या नीति पर देश का सूरतेहाल

वीडियो: ख़बरों के लिहाज़ से ये हफ़्ता बेहद रोचक रहा. भारत में पत्रकारों, नेताओं, उद्योगपतियों, कार्यकर्ताओं और न्यायाधीशों की फ़ोन की जासूसी की बात सामने आ रही है. पेट्रोल के बढ़ते दामों के बीच यूपी चुनाव की तैयारी भी होनी है तो उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का मसौदा पेश किया गया है. इस सब घमासान के बीच पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और योगी के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ़ कर डाली है.

सर्विलांस सूची में आंबेडकरवादियों से लेकर मज़दूर कार्यकर्ता और कई जेएनयू छात्रों के नाम शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए लीक हुए नंबरों के डेटाबेस में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाले ऐसे लोगों के नंबर दर्ज हैं, जिन संभावित सर्विलांस की योजना बनाई गई थी.

नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के राजस्व में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सबसे अधिक 10.64 करोड़ रुपये का राजस्व साल 2017-18 के दौरान हासिल हुआ, जबकि 2020-2021 में ये घटकर महज 1.02 करोड़ रुपये हो गया.

पत्रकारों की जासूसी की प्रेस संगठनों ने की निंदा, कहा- सरकार को ख़ुद को बेगुनाह साबित करना चाहिए

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, मुंबई प्रेस क्लब और इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स ने पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी किए जाने की निंदा की है. द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.

पेगासस टारगेट की सूची में थे भाजपा के मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल

पेगासस प्रोजेक्ट: सर्विलांस की सूची में विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पूर्व ओएसडी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निजी सचिव का नंबर भी मिला है.

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