जेएनयू छात्राओं नताशा नरवाल और देवांगना कलीता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा पर उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक हिंसा के लिए साजिश रचने का आरोप है. तीनों को मई 2020 में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बीते साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा होने के आरोप में महिला संगठन पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलीता की गिरफ़्तारी के एक साल पूरे हो चुके हैं. इसे लेकर हुए कार्यक्रम में कहा गया कि यह उन आवाज़ों को दबाने का तरीका है, जो सरकार को पसंद नहीं है.
इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार की गईं नताशा नरवाल के परिवार में अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं है. पिछले साल 22 फरवरी 2020 को दिल्ली के ज़ाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर 23 मई 2020 को नरवाल को उनकी एक साथी देवांगना कलीता के साथ गिरफ़्तार किया गया था.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दंगे को लेकर कुल 755 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. अब तक 1753 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें 933 मुस्लिम और 820 हिंदू हैं.
बीते जनवरी में दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में जेएनयू छात्राओं- देवांगना कलीता और नताशा नरवाल पर यूएपीए के तहत दर्ज मामले में निचली अदालत ने उनकी ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. इसके ख़िलाफ़ दायर उनकी अपील पर हाईकोर्ट ने पुलिस और सरकार को दस मार्च तक जवाब देने को कहा है.
यह युवा दिवस किनके नाम है? महेश राउत के, जिन्होंने महाराष्ट्र के आदिवासियों के लिए अपनी युवता समर्पित की और आज दो साल से जेल में हैं या अन्य जेलों में बंद नताशा, देवांगना, इशरत, मीरान, आसिफ़, शरजील, ख़ालिद, उमर जैसों के नाम, जिन्होंने समानता के उसूल के लिए अपनी जवानी गर्क करने से गुरेज़ नहीं किया?
2021 में जाते हुए क्या उस सब से उबरना मुमकिन होगा, जिसमें हमने साल 2020 बिताया है?
नताशा नरवाल की ज़मानत मंज़ूर करते हुए अदालत ने कहा कि पुलिस ओर से दिखाए गए वीडियो में वह नजर तो आ रही हैं, लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है, जो यह संकेत देता हो कि वह हिंसा में शामिल थीं या उन्होंने हिंसा भड़काई हो.
सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता की एक याचिका पर पुलिस द्वारा दायर हलफनामे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कई आरोप लगाए गए हैं जो याचिका के दायरे से परे हैं और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.
दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि पिंजरा तोड़ और इसके सदस्य सहानुभूति बटोरने और जनमत जुटाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ जाफराबाद हिंसा के एक आरोपी शाहरुख ने अपने बयान में पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल का नाम लिया था. शाहरुख ने कहा कि हिंसा में आंखों की रोशनी लगभग खो देने के कारण उसे नहीं पता कि पुलिस ने उससे जिस बयान पर दस्तख़त कराए, उसमें क्या लिखा था.
तिहाड़ जेल में बंद पिंजड़ा तोड़ संगठन की नताशा नरवाल ने आरोप लगाया था कि जेल में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के चलते संपर्क माध्यम निषिद्ध कर दिए गए हैं. इसके जवाब में जेल के अधिकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि कुछ दिन पहले कई विदेशी क़ैदियों द्वारा हिंसा में 10 जेलकर्मियों समेत 25 लोग घायल हो गए थे.
पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया था. चूंकि कलीता एक और मामले में गिरफ्तार हैं और उनसे पूछताछ चल रही है, इसलिए वे अभी जेल में बंद रहेंगी.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले से ही हिरासत में ली गईं पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ता और जेएनयू की शोध छात्रा नताशा नरवाल को दिल्ली दंगा मामले में गिरफ़्तार किया है. पुलिस का कहना है कि दंगे की साज़िश रचने में नताशा की भूमिका को लेकर उनके पास पुख़्ता सबूत हैं.