ग्रेट निकोबार द्वीप में 72,000 करोड़ रुपये की मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के लिए दी गई वन और पर्यावरण मंज़ूरी में हस्तक्षेप करने से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने इनकार कर दिया है. परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों का कहना है कि यह स्थानीय समुदायों को प्रभावित करेगी और द्वीप की नाज़ुक पारिस्थितिकी एवं जैव विविधता को नुकसान पहुंचाएगी.
जाने-माने हाथी विशेषज्ञ रमन सुकुमार ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा है कि कोल इंडिया की सहायक कंपनी नॉर्थ इस्टर्न कोलफील्ड्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने असम के देहिंग पटकई एलिफेंट रिज़र्व में खनन को लेकर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से तथ्य छिपाया है.