यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि नेट स्कोर का इस्तेमाल पीएचडी प्रवेश के लिए किया जा सकता है. छात्रों का कहना है कि नेट पास करने के प्रमाणपत्र की वैधता पहले ही घटाकर एक वर्ष कर दी गई है. इससे कई आवेदकों को पीएचडी आवेदन करने का मौक़ा ही नहीं मिलेगा.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2018 में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एंट्री-लेवल के पदों पर भर्ती के लिए जुलाई 2021 से पीएचडी को अनिवार्य कर दिया था. विरोध के बाद इसका कार्यान्वयन जुलाई 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया था.