द कन्फेडरेशन ऑफ एक्स-पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना से इन पूर्व जवानों को जोड़ने को ये ‘भेदभावपूर्ण’ बताते हैं और ओपीएस के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रदर्शन में शामिल नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम नामक संगठन की ओर से कहा गया है वह अगले कुछ दिनों तक सरकार की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करेगा. अगर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो संगठन सभी राज्यों में भाजपा के ख़िलाफ़ अभियान चलाएगी और लोगों से 2024 के आम चुनाव में पार्टी को वोट न देने के लिए कहेगी.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने हाल ही में वित्त सचिव को दिए गए एक ज्ञापन में नई पेंशन योजना को वापस लेने की मांग की. इन संगठनों ने इस योजना की समीक्षा के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त समिति के सुझाओं को अस्वीकार कर दिया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का फैसला किया गया है, जबकि राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की राशि वापस करने से इनकार कर चुकी है.
वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण को बताया है.
केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियन के एक महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि नई पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में आपदा के समान है.
रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एआईडीईएफ के बैनर तले करीब 3,000 असैन्य रक्षाकर्मियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की और कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत बहुत ही कम पेंशन मिल रही है.