आरएसएस से जुड़ी एक पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ के 5 सितंबर के संस्करण के लेख में भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था और इसे ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’ क़रार दिया गया था. इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि इंफोसिस का ‘राष्ट्र-विरोधी’ ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के जीएसटी तथा आयकर पोर्टल में गड़बड़ की गई है.
इंफोसिस द्वारा विकसित जीएसटी और आयकर पोर्टलों में खामियों को लेकर आरएसएस से संबंधित साप्ताहिक पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ ने स्वदेशी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी पर हमला किया है और पूछा है कि क्या कोई ‘राष्ट्र-विरोधी’ शक्ति इसके माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को आघात पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
11 अगस्त को नागपुर के कमिश्नर द्वारा एकाएक शहर के बीचोंबीच बने रेड लाइट एरिया 'गंगा-जमुना' को बंद करने के आदेश के बाद यहां की सेक्स वर्कर्स की आय बंद हो गई. राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने इस क़दम की आलोचना करते हुए कहा है कि पुलिस ने उनकी आजीविका के बारे में सोचे बिना यह कार्रवाई की है.
असम कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्यों ने कहा है कि एआईयूडीएफ अब ‘महाजोत’ में भागीदार नहीं रह सकती. कांग्रेस ने कहा कि एआईयूडीएफ नेतृत्व और वरिष्ठ सदस्यों द्वारा भाजपा और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की निरंतर प्रशंसा ने उनकी पार्टी के प्रति जनता की धारणा को प्रभावित किया है.
शिवसेना ने कहा कि पार्टी इस मामले को क़ानूनी रूप से सुलझाएगी और संकेत दिया कि यह समन रत्नागिरी में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे की गिरफ़्तारी से संबंधित है. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री एवं शिवसेना नेता अनिल परब इसी ज़िले के अभिभावक मंत्री हैं. उद्धव ठाकरे के क़रीबी माने जाने वाले परब पिछले हफ़्ते कैमरे पर राणे की गिरफ़्तारी का आदेश देते हुए क़ैद हो गए थे.
कांग्रेस अब भी राष्ट्रीय राजनीति में मायने रखती है, लेकिन उसे वक़्त के हिसाब से ख़ुद को नया रूप देते हुए धर्मनिरपेक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ़्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार देर रात के महाड की एक अदालत ने ज़मानत दे दी थी. मामले में नासिक पुलिस ने भी राणे को नोटिस जारी कर उन्हें दो सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने सोमवार को कहा था कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आज़ादी को कितने साल हो गए हैं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे की टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन भी किया.
पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.
महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार के दो साल पूरे होने से पहले ही मतभेद सामने आने लगे हैं. जहां एक तरफ स्थानीय कांग्रेस के नेता आगामी चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अकेले चुनाव में जाने वालों को जनता चप्पल से पीटेगी. एनसीपी इस मामले पर स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है.
चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए अभियुक्तों की कोविड-19 जांच की जाए और उनका परिणाम नकारात्मक आने पर ही न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 22 साल के भतीजे तन्मय फडणवीस ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह कोविड-19 वैक्सीन लेते नजर आ रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर कैसे फडणवीस के भतीजे को कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाया गया, जबकि उनकी उम्र टीका लगवाने के दायरे में नहीं आती.
महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. यहां पूरे देश के लगभग 40 फ़ीसदी मामले हैं और ज़रूरत के अनुरूप केंद्र सरकार राज्य को रेमडेसिविर आवंटित नहीं कर रही थी, जिसकी सूचना हाईकोर्ट को दिए जाने के बाद अदालत ने जवाब मांगा है.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.