बीते 22 सितंबर को जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज़गी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.
एआईएडीएमके ने कहा कि यह क़दम एक साल से अधिक समय से पार्टी और उनके नेताओं पर भाजपा के हमलों और मानहानिकारक बयानों का विरोध है. दरअसल तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई अक्सर एआईएडीएमके के ख़िलाफ़ टिप्पणियां कर रहे थे और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उनके प्रति उदार दिखाई दे रहा था.
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया है. हालांकि, पार्टी की केरल इकाई के प्रदेश अध्यक्ष ने गठबंधन में जाने से इनकार करते हुए कहा कि वे राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ में ही रहेंगे. केरल में पार्टी के दो विधायक हैं, जिनमें से एक मंत्री हैं.
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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति और साज़िश के तहत अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर एनडीए सरकार को देश के नाम पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका दिया है. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी दलों, संगठनों और गठबंधनों पर रोक लगानी चाहिए.
विभिन्न विपक्षी दलों के बीच का सौहार्द्र उत्साहजनक है. पर आम चुनाव जब भी हों, उससे पहले 'इंडिया' गठबंधन को इस मुश्किल इम्तिहान के लिए तैयार रहना होगा.
बीते शुक्रवार को मुंबई में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक का आयोजन किया गया. दो दिवसीय बैठक में 14 सदस्यीय केंद्रीय समिति, एक अभियान समिति, एक मीडिया समिति और एक सोशल मीडिया कार्य समूह बनाने पर सहमति बनी. इस दौरान गठबंधन में शामिल नेताओं ने महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा.
भारतीय राजनीति के एक अनुभवी नेता के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'इंडिया' गठबंधन के बीच की दूरियों को भरने में जो भूमिका निभाई है वह काफी स्पष्ट है. ऐसी और भी कई बातें हैं जो खड़गे के पक्ष में जाती हैं.
भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए याविपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन में शामिल होने की संभावना से इनकार करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि दोनों गठबंधनों में अधिकतर ग़रीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बसपा अनवरत संघर्षरत है.
मणिपुर में सौ दिन से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच बुलाए गए विधानसभा के एकदिवसीय सत्र में कांग्रेस के विरोध के बीच सीएम एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार का हिंसा पर चर्चा कराने का कोई इरादा नहीं है. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-3 के बारे में बोलते हुए वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री का 'आभार व्यक्त' किया.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि पिछले अनुभव से पता चलता है कि गठबंधन में प्रवेश करने से पार्टी को कुछ हासिल नहीं होता है. उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि दोनों ने ‘बहुजन समाज’ के कल्याण के लिए बहुत कम काम किया है.
मणिपुर में तीन महीने से जारी हिंसा के बीच मणिपुर सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सदस्य कुकी पीपुल्स अलायंस ने घोषणा की है कि वह एन. बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले रही है. मणिपुर सरकार में पार्टी के दो विधायक शामिल हैं.
कई बार एकताओं व गठबंधनों से कुछ भी हासिल नहीं होता. दल मान लेते हैं कि गठबंधन कर लेने भर से बेड़ा पार हो जाएगा. लेकिन ज़मीनी स्तर पर समर्थकों के बीच बहुत-सी ग्रंथियां होती हैं. 'इंडिया' के घटक दलों के समर्थकों के बीच भी ऐसी ग्रंथियां कम नहीं हैं.
लगभग सभी राज्यों में जहां क्षेत्रीय पार्टियां मज़बूत हैं, कांग्रेस उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी है. स्थानीय कांग्रेस इकाइयां इन दलों से वर्षों से मुक़ाबला कर रही हैं. अब इनका एकजुट होना, भले ही किसी बड़े मक़सद के लिए, आसान नहीं होगा.