क्या नरेंद्र मोदी भाजपा के परिवारवाद और भ्रष्टाचार को ख़त्म करने की गारंटी देंगे?

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर ताबड़तोड़ हमला किया, लेकिन क्या भाजपा ख़ुद परिवारवाद और भ्रष्टाचार से अछूती है.

प्रधानमंत्री मोदी के परिवारवाद विरोधी अभियान में भाजपा नेता क्यों शामिल नहीं हैं

विवेकानंद जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति में परिवारवाद पर निशाना साधते हुए इसे ख़त्म करने के लिए युवाओं को राजनीति में आने को कहा. हालांकि ऐसा कहते हुए उन्होंने भाई-भतीजावाद की भाजपाई परंपरा को आसानी से बिसरा दिया.

आम महिलाओं की बढ़ती सियासी चेतना उनकी अपनी है या वे किसी एजेंडा की शिकार हैं?

सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप में वो महिलाएं अमूमन घर-गृहस्थी से जुड़े मसले साझा किया करती थीं. पता नहीं ये कब और कैसे हुआ कि अपनी ज़िंदगी की तमाम फ़िक्रें छोड़ बॉलीवुड के नेपोटिज़्म को ख़त्म करना, सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय मांगना और आलिया भट्ट को नेस्तनाबूद कर देना इन औरतों का मक़सद बन गया.

मैंने आज तक किसी मूवी माफिया के साथ काम नहीं किया: तापसी पन्नू

वीडियो: एक हालिया टीवी इंटरव्यू में अभिनेत्री कंगना रनौत ने तापसी पन्नू को बी ग्रेड एक्ट्रेस कहा था. फ़िल्मी दुनिया की बनती-बिगड़ती समीकरणों, नेपोटिज्म और 'बॉलीवुड माफिया' जैसे विभिन्न मुद्दों पर तापसी पन्नू से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

बॉलीवुड में मेरा होना ही नेपोटिज़्म को चुनौती देता है: मनोज बाजपेयी

वीडियो: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से बॉलीवुड में परिवारवाद और नेपोटिज़्म या भाई-भतीजावाद को लेकर बहस तेज़ हो गई है. इस मुद्दे को लेकर अभिनेता मनोज बाजपेयी से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

मणिकर्णिका में आज के उग्र-राष्ट्रवाद का अक्स है

बॉलीवुड भले ही अवसरवादी और रीढ़विहीन नज़र आता हो लेकिन अलग-अलग नज़रिया रखने वाले इसके सदस्य अपने देश की मार्केटिंग और उससे पैसे बनाने के मामले में एक-दूसरे से कोई मतभेद रखते नहीं दिखते.

क्यों देश की राजनीतिक और आर्थिक ताक़त कुछ परिवारों तक सिमटकर रह गई है

क्या अगले आम चुनाव में मोदी सरकार या महागठबंधन में से कोई नेता या दल अपने चुनावी घोषणा-पत्र में यह वादा कर सकता है कि वो देश की आम जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने की संवैधानिक जवाबदारी निभाने के लिए 2019 से देश के अरबपतियों और अमीरों पर उचित टैक्स लगाने का काम करेगा?

क्या जनता परिवारवाद, यारवाद और पैसावाद को लेकर चिंतित है?

एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.

मध्य प्रदेश: परिवारवाद की आलोचना करने वाली भाजपा अपने गिरेबां में क्यों नहीं झांकती

विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जहां भाजपा ने क़रीब 20 प्रतिशत टिकट स्थापित नेताओं के परिजनों को बांटे हैं, वहीं कांग्रेस ने ऐसे 10 प्रतिशत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 153: राजनीति में वंशवाद और प्रदर्शनों की मीडिया कवरेज

जन गण मन की बात की 153वीं कड़ी में विनोद दुआ राजनीति में वंशवाद और मीडिया के विरोध प्रदर्शनों की कवरेज न करने पर चर्चा कर रहे हैं.

‘सबसे बड़ा झूठ यह कहना है कि भारत का कोई दल भ्रष्टाचार से लड़ रहा है’

अगर सारे दल बीजेपी में शामिल हो जाएं तो हो सकता है कि प्रधानमंत्री टीवी पर ऐलान कर दें कि भारत से राजनीतिक भ्रष्टाचार ख़त्म हो गया है क्योंकि सब मेरे साथ आ गए हैं.

भारतीय राजनीति और परिवारवाद

राजनीति में परिवारवाद से दूर रहने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत दलित-पिछड़े नेतृत्व को है, लेकिन दुखद यह है कि ये ताकतें सबसे पहले अपने परिवार को ही अपनी विरासत सौंपती हैं.