कुंभ भगदड़ हुई. कितनी मौतें हुईं, अब तक हमें नहीं मालूम. कोविड के चलते कितनी मौतें हुईं, हमें नहीं मालूम. सरकार का कहना है कि इतने लोग ज़िंदा बच गए, उसके लिए हमें सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहिए.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ में संजय ने अपनी बहन पिंकी देवी को खो दिया. वे कहते हैं, 'यह भगदड़ नहीं, प्रशासन की नाकामी थी.' परिवार कुंभ जाने को उत्साहित था, लेकिन स्टेशन पर ही भीड़ में फंस गया. पिंकी की मौत के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं, सरकार के किसी नुमाइंदे ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है.
हमने अपने देश पर पिछले कई दशकों से शोषण व गैरबराबरी पर आधारित जो सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था लाद रखी है, उसके विषफलों की निरंतर बढ़ती पैदावार के बीच यह सवाल भी छोटा नहीं रह गया है कि सरकारों को नागरिकों के किन वर्गों की समस्याओं को ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए, किनकी समस्याओं को कम? और क्या वे जिनको ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए, दे रही हैं?