भाजपा के समर्थकों और इसके ध्रुवीकृत करने वाले कंटेंट ने फेसबुक के एल्गोरिदम पर सस्ती दर पर विज्ञापन दिलाने में मदद की, जिसके चलते इसकी पहुंच काफ़ी अधिक बढ़ी.
फेसबुक द्वारा मिली सस्ती दरों ने भारत में फेसबुक के सबसे बड़े राजनीतिक ग्राहक- भारतीय जनता पार्टी को कम धनराशि में विज्ञापनों के ज़रिये ज़्यादा मतदाताओं तक पहुंचने में मदद की.
फेसबुक ने कई सरोगेट विज्ञापनदाताओं को भाजपा के प्रचार अभियान को गुप्त तरीके से फंड करने दिया, जिससे बिना किसी जवाबदेही के ज़्यादा लोगों तक पार्टी की पहुंच मुमकिन हुई.
विपक्षी नेताओं ने एक रिपोर्ट को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है, जिसमें दावा किया गया है कि मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाले भारत के सबसे बड़े उद्योग समूह ने 2019 के संसदीय चुनावों और नौ राज्यों के चुनावों में भाजपा की पहुंच और लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए सरोगेट विज्ञापनों को बढ़ावा देने पर लाखों रुपये ख़र्च किए.
विशेष रिपोर्ट: क़ानूनी ख़ामियों, फेसबुक द्वारा नियमों के चुनिंदा इस्तेमाल के चलते मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस द्वारा वित्तपोषित एक कंपनी ने 2019 के आम चुनाव और कई विधानसभा चुनाव के दौरान फेसबुक पर ख़बरों की शक्ल में भाजपा समर्थक विज्ञापन चलाए, जो दुष्प्रचार और फ़र्ज़ी नैरेटिव से भरे हुए थे.