छत्तीसगढ़: कैग रिपोर्ट में स्वास्थ्य सुविधाओं में घोर अनियमितता और डॉक्टरों की भारी कमी सामने आई

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में पेश कैग की रिपोर्ट में बताती है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में स्वीकृत 74,797 पदों के मुकाबले अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या 34.62 प्रतिशत कम है. नौ ज़िलों में 50 प्रतिशत से अधिक स्टॉफ की कमी से स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है.

लगातार हो रही मौतों के बावजूद केंद्रीय बजट में मैनुअल स्कैवेंजिंग का ज़िक्र नहीं

सफाई कर्मचारी आंदोलन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीनों में 43 मैनुअल स्कैवेंजरों की मौत हुई है. संगठन के राष्ट्रीय संयोजक बेजवाड़ा विल्सन ने
उनके लिए बजट में आवंटित धनराशि को 'बहुत कम' बताते हुए कहा कि सफाईकर्मियों की भलाई सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. 

मुज़फ़्फ़रनगर: पेट्रोल पंप पर सिगरेट पीने से रोका तो गुस्साए कांवड़ियों ने हमला किया, केस दर्ज

पेट्रोल पंप संचालक की शिकायत पर मंसूरपुर पुलिस थाने में दंगा करने, चोट पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. शिकायत में हमलावर कांवड़ियों की संख्या 40-50 बताई गई है.

दिल्ली: तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के 2,000 से अधिक पद खाली

दिल्ली में केंद्र सरकार के तीन बड़े अस्पतालों - सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स - में डॉक्टरों के 903, नर्सिंग स्टाफ के 476 और पैरामेडिकल स्टाफ के 695 पद खाली हैं. 

भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने चिंता व्यक्त की

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति द्वारा व्यक्त की गईं चिंताओं में से एक यह है कि भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 2023 से राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन ने 'ए' श्रेणी का दर्जा प्रदान नहीं किया है. इसका मतलब यह हुआ कि देश मानवाधिकार के क्षेत्र में अच्छा नहीं कर रहा है और इसलिए उसे शीर्ष दर्जा नहीं मिल रहा है.

समाजसेवी संस्थाओं के ज़मीनी कार्यकर्ताओं की मुख्य चुनौतियां क्या हैं?

विकास सेक्टर में ज़मीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद अहम है लेकिन उनकी चुनौतियों पर अक्सर कम ही बात होती है. यहां हम समझने की कोशिश करेंगे कि विकास सेक्टर में काम करने वाले इन ज़मीनी कार्यकर्ताओं की प्रभावशीलता और क्षमताओं को सामने लाने के लिए क्या किया जा सकता है?

असम: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कछार पुलिस मुठभेड़ में मारे गए युवकों के शव संरक्षित रखने कहा

असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को एक मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. हालांकि, परिजनों और सामाजिक संगठनों ने इसे फ़र्ज़ी मुठभेड़ करार दिया था.

नौ राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति, चुनावी टिकट न पा सके भाजपा नेताओं को पद

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है. छह बार के सांसद गंगवार को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था. उनके अलावा, त्रिपुरा के पूर्व उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा, पूर्व राज्यसभा सांसद ओपी माथुर, पूर्व लोकसभा सांसद सीएच विजयशंकर के नाम भी सूची में शामिल हैं.

यूपी: प्रस्तावित कांवर मार्ग जैसा एक एक्सप्रेसवे 2010-11 में अस्वीकृत कर दिया गया था

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित कांवर मार्ग सड़क परियोजना की जांच कर रहा है. यह मार्ग गाजियाबाद, मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर से होकर गुजरेगा. इसके लिए 222.98 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि के डायवर्जन की आवश्यकता होगी और तकरीबन 1,12,722 पेड़ों को काटना होगा. 

दिल्ली: ठोस कचरा प्रबंधन पर एमसीडी को फटकारते हुए कोर्ट ने ‘हेल्थ इमरजेंसी’ की ओर इशारा किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में रोजाना 3,000 टन से अधिक कचरे का निपटान नहीं हो पा रहा है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ सकता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति खड़ी हो सकती है.

दिल्ली: नोम चॉम्स्की द्वारा पीएम मोदी की आलोचना पर पीएचडी प्रस्ताव देने वाले छात्र को नोटिस

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के एक छात्र के शोध प्रस्ताव में अमेरिकी भाषाविद् नोम चॉम्स्की द्वारा नरेंद्र मोदी की आलोचना का ज़िक्र था. इसे लेकर छात्र को नोटिस मिला और उनके सुपरवाइज़र के ख़िलाफ़ जांच शुरू की गई, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया.

मध्य प्रदेश: सरकार का आरटीआई के तहत ‘प्रोजेक्ट चीता’ संबंधी जानकारी देने से इनकार

वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि वे 2013 से वन्यजीवों के संरक्षण में अनियमितताओं का ख़ुलासा कर रहे हैं लेकिन इस साल पहली बार उन्हें 'प्रोजेक्ट चीता' पर जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा गया है कि इसका खुलासा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा या दूसरे देशों के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा.

असम: डिटेंशन सेंटर की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा- पर्याप्त जलापूर्ति, शौचालय नहीं

असम के मटिया में डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसकी 'दयनीय स्थिति' पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है. यहां पानी की आपूर्ति नहीं है, शौचालय नहीं हैं, चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.

79 लोकसभा सीटों पर अंतिम मतदान प्रतिशत में वृद्धि एनडीए की जीत के अंतर से अधिक है: रिपोर्ट

महाराष्ट्र स्थित संगठन वोट फॉर डेमोक्रेसी ने चुनाव प्रक्रिया में कुछ स्पष्ट खामियों की ओर इशारा करने के अलावा तीन महत्वपूर्ण दावे किए हैं, जो चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं.

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