साल 2012 में निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों में से एक ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर डेथ वॉरंट ख़ारिज करने की अपील की है. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी डेथ वॉरंट को ख़ारिज करने से मना कर दिया.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के सभी दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है.
साल 2013 में पांच साल की एक बच्ची के बलात्कार के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में झारखंड पुलिस अब तक अपराधियों का पता नहीं लगा सकी है. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय के वकील ने पीठ से कहा कि अक्षय को मृत्युदंड दिया गया क्योंकि वह ग़रीब परिवार से ताल्लुक़ रखता है और मीडिया और राजनीतिक दबाव की वजह से उनके मुवक्किल को दोषी ठहराया गया.
सीजेआई एसए बोबडे ने निजी कारण बताते हुए 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में एक दोषी की याचिका पर हो रही सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया है.
तीन न्यायाधीशों की पीठ दोषी अक्षय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. सिंह के वकील ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि उन्हें ऐसे वक्त में मौत की सजा दी जा रही है, जब बढ़ते प्रदूषण के चलते जीवनकाल छोटा हो रहा है.
दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि बिना उसकी सहमति के दया याचिका भेजी गई थी.
साल 2012 में दिल्ली में निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों- मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को निचली अदालत ने साल 2013 में फांसी की सज़ा सुनाई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस सज़ा को बरक़रार रखा था और सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी थी.
दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया बलात्कार मामले में निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी, जिसे शीर्ष अदालत ने बरक़रार रखा था. दोषियों ने फैसले को पुनर्विचार याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी.