बिहार में क्या भाजपा-जदयू गठबंधन के दिन पूरे हो चुके हैं?

बिहार में इन दिनों घट रहीं सियासी घटनाएं बता रही हैं कि भाजपा और जदयू के बीच 2013 के पहले जैसा तालमेल था, वैसा अब नहीं रहा और इस बार भाजपा-जदयू गठबंधन की उम्र भी बहुत लंबी नहीं रहने वाली है.

बिहार इंटर रिज़ल्ट: जिन छात्र-छात्राओं को कॉलेज में होना चाहिए, वे पुलिस के डंडे खा रहे हैं

बिहार में इंटरमीडिएट के रिज़ल्ट को लेकर हंगामा मचा हुआ है. तमाम छात्र-छात्राओं के रिज़ल्ट में गड़बड़ियां सामने आई हैं. परीक्षा में शामिल होने के बाद भी कई छात्रों को ग़ैरहाज़िर कर दिया गया, वहीं कुछ को पूर्णांक से भी ज़्यादा नंबर दे दिए गए हैं.

बिहार: शराबबंदी क़ानून के तहत जेल में बंद क़ैदी की मौत

पुलिस के मुताबिक, मृतक सुरेंद्र साह पूर्वी चंपारण ज़िले का रहने वाला था. उसे 17 जून को शराब पीने के चलते उसके गांव से गिरफ़्तार करके जेल में डाला गया था. वह गिरफ़्तारी के बाद से ही बीमार रह रहा था.

बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के भविष्य से क्यों किया जा रहा है खिलवाड़?

ज्ञान की जब भी चर्चा होती है तो वो बिहार के ऐतिहासिक नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का ज़िक्र किए बिना पूरी नहीं होती, लेकिन उसी बिहार में आज शिक्षा व्यवस्था का हाल ये है कि आधा दर्जन विश्वविद्यालयों में विभिन्न सत्रों की परीक्षाएं कई सालों से लटकी हुई हैं.

शरद यादव को वेतन-भत्ता नहीं मिलेगा, सरकारी बंगले में रह सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने 04 दिसंबर 2017 को जदयू के बागी सांसद शरद यादव और अली अनवर को उच्च सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था.

क्या एनटीपीसी कहलगांव बिहार का ‘स्टरलाइट’ बनता जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्ट: नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के कहलगांव स्थित थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख से आसपास के गांवों में रहने वाले लोग पिछले कई सालों से दमा, टीबी और फेफड़ों के संक्रमण जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं.

शराबबंदी का हो रहा दुरुपयोग, समीक्षा होगी, ज़रूरत पड़ी तो संशोधन होगा: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का सबसे अधिक फायदा गरीब और गांवों में रहने वालों को हुआ है. इसने कुछ लोगों को चोट पहुंचाई है लेकिन राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या को लाभ पहुंचाया है.

जोकीहाट उपचुनाव: क्या नीतीश कुमार को भाजपा से गठजोड़ की कीमत चुकानी पड़ी?

चुनाव परिणाम से साफ़ है कि बिहार के अल्पसंख्यक भाजपा के तेवर और उसके नेताओं के नफ़रत से भरे बयानों से बेहद नाराज़ हैं और उससे भी ज़्यादा नाराज़गी नीतीश कुमार की चुप्पी को लेकर है.

बिहार में शराबबंदी: बूढ़ों के साथ विधवाएं भी जेल में बंद, तस्करी में बच्चों का हो रहा इस्तेमाल

अधिकारियों ने बताया कि शराब तस्करी में शामिल ज़्यादातर बच्चे अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से हैं.

कोसी के तटबंधों के बीच रहने वाली आबादी के लिए पलायन ही​ ज़िंदा रहने की इकलौती तरकीब है

बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों से किया वादा सरकार ने आज तक नहीं निभाया, लिहाज़ा यहां रहने वाले लोग बेहद अमानवीय परिस्थितियों में जीवन जीने को अभिशप्त हैं.

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