अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है. वह 2016 में बॉब डिलन के बाद यह पुरस्कार जीतने वाली पहली अमेरिकी हैं.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अभिजीत बनर्जी की सोच पूरी तरह से वामपंथी है और भारत के लोगों ने इसे पूरी तरह से नकार कर दिया है. वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा था कि विदेशी महिला से दूसरी शादी करने वाले लोगों को अक्सर नोबेल पुरस्कार मिल जाता है.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी के बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि उनके राजनीतिक विचार वाम झुकाव वाले हैं, लोगों ने उनकी न्याय योजना को ख़ारिज कर दिया था. इससे पहले मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने भी न्याय योजना को लेकर बनर्जी की आलोचना की थी.
एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी और कांग्रेस की न्याय योजना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि एक भारतीय को नोबेल पुरस्कार मिला, लेकिन ज़रूरी नहीं है कि हमें उनकी कही हुई बात से सहमत होना चाहिए.
अर्थशास्त्र के लिए नोबेल जीतने वाले तीनों अर्थशात्रियों- अभिजीत बनर्जी, एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर का विचार है कि क्रमहीन नियंत्रित परीक्षण या रैंडमाइज़्ड कंट्रोल ट्रायल्स (आरसीटी) गरीबी कम करने के बेहतर उपायों की राह खोल सकते हैं. आरसीटी का इस्तेमाल मुख्य तौर पर चिकित्सा के क्षेत्र में दवाइयों के असर का परीक्षण करने के लिए किया जाता था.
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत में एक बहस चल रही है कि कौन सा आंकड़ा सही है और सरकार का खासतौर से यह मानना है कि वो सभी आंकड़े गलत हैं, जो असुविधाजनक हैं.
इन तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी कम करने की दिशा में दिए किए गए उनके शोध के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है. बनर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.
यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते साल 2018 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया था. इन आरोपों की वजह से स्वीडिश अकादमी के बोर्ड के कुछ सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था. इसलिए साल 2018 का भी नोबेल पुरस्कार इस साल दिया गया है.
तीनों वैज्ञानिकों जॉन गुडइनफ, एम. स्टेनली व्हिटिंघम और असाही कासेई को लीथियम आयन बैटरी का विकास करके स्मार्टफोन और पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन मुक्त समाज का रास्ता साफ करने के लिए साल 2019 का रसायनशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया.
जेम्स पीबल्स, माइकल मेयर और डीडियर क्वेलोज को ब्रह्मांड के फैलाव और इसमें पृथ्वी के स्थान को समझने में योगदान के लिए साल 2019 के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है.
तीन वैज्ञानिकों विलियम जी. केलिन, पीटर जे. रेटक्लिफ और ग्रेग एल. सेमेंजा ने खोज कर बताया कि किस तरह से शरीर की कोशिकाएं ऑक्सीजन को महसूस करती हैं.