एक संसदीय समिति की सिफ़ारिश है कि हिंदी-भाषी राज्यों में आईआईटी जैसे तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम हिंदी, और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय भाषा होना चाहिए. समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए.