मणिपुर के कुकी बहुल कांगपोकपी ज़िले में डिप्टी कमिश्नर और एसपी के दफ्तरों पर भीड़ ने हमला कर दिया, जहां सैबोल गांव में केंद्रीय बलों द्वारा कुछ सामुदायिक बंकरों पर कब्ज़ा करने के बाद पिछले 48 घंटों से जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई थी.
मणिपुर पुलिस ने बताया कि 1 जनवरी की सुबह संदिग्ध उग्रवादियों ने इंफाल पश्चिम ज़िले के कदंगबंद में फिर से हमला किया. 31 दिसंबर को कांगपोकपी में कुकी महिलाओं और सुरक्षाबलों की बीच झड़प हुई थी. इसी दिन सीएम एन. बीरेन सिंह ने राज्य में मई 2023 से जारी हिंसा को लेकर माफ़ी मांगी.
पिछले महीने जिरीबाम में मेईतेई समुदाय की छह महिलाओं और बच्चों के अपहरण और हत्या की त्वरित और पारदर्शी जांच के लिए मणिपुर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मामले हैं, जो राज्य सरकार के अधीन हैं.
हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर ज़िलों में 26 अक्टूबर की रात को दो अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी और विस्फोट की घटनाएं सामने आईं. वहीं, इंफाल में राज्यपाल के आधिकारिक आवास के करीब स्थित एक सरकारी कॉलेज के सामने ग्रेनेड बरामद किया गया.
सुरक्षा मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडलीय समिति ने भारत और म्यांमार के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 31,000 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाने और सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है. नगा पीपुल्स फ्रंट ‘पारंपरिक सीमाओं को सही किए बिना’ बाड़ लगाने के विरोध में है.
मणिपुर पुलिस ने बताया है कि चूड़ाचांदपुर ज़िले में अज्ञात बदमाशों ने प्रतिबंधित कुकी उग्रवादी संगठन यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी के टाउन कमांडर और पीआरओ की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, थौबल ज़िले के दो युवकों के अपहरण के विरोध में 48 घंटे का बंद का आह्वान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद भी असम में 47 लोगों के घरों पर सरकारी आदेश से बुलडोजर चला दिए गए, जिसके बाद इन लोगों ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर इस कार्रवाई को अनुच्छेद 14, 15 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है.
मणिपुर: शीर्ष अधिकारियों ने सीएमओ के म्यांमार से ‘900 कुकी उग्रवादियों’ के आने के दावे को ख़ारिज किया
17 सितंबर को मणिपुर सीएमओ ने कथित 'लीक ख़ुफ़िया रिपोर्ट' के आधार पर दावा किया था कि 900 से अधिक 'प्रशिक्षित कुकी उग्रवादी' म्यांमार से मणिपुर में पहुंचे हैं. अब राज्य के सुरक्षा सलाहकार और पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि इस दावे को ज़मीनी स्तर पर सही नहीं पाया गया है.
द वायर को दिए इंटरव्यू में इनर मणिपुर से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद बिमोल अकोईजाम ने राज्य में जारी हिंसा के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह हिंसा राजनीतिक लाभ के लिए हुई बड़ी साज़िश का हिस्सा है.
कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री दुनिया के अन्य हिस्सों में संकटों और संघर्षों को लेकर अधिक चिंतित हैं, जबकि उनके ही देश का एक राज्य (मणिपुर) पिछले 16 महीनों से जल रहा है लेकिन उनके पास वहां जाने के लिए वक़्त नहीं है.
मणिपुर में बढ़ती हिंसा के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अन्य राज्यों में राजनीतिक रैलियां कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की है और इसे उनके द्वारा अपने संवैधानिक कर्तव्यों की उपेक्षा करना बताया है.
मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि हिंसा प्रभावित राज्य के लोग इस बात से दुखी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अभी तक वहां नहीं गए हैं. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि सीएम एन. बीरेन सिंह ने कुछ ऐसे फैसले नहीं लिए, जो हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति को काफ़ी बदल सकते थे.
मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. मृतकों में चार हथियारबंद लोग भी शामिल हैं. इससे पहले शुक्रवार को विष्णुपुर ज़िले के गांवों पर पास की पहाड़ियों से रॉकेट दागे गए, जिसमें एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच लोग घायल हुए.
पुलिस ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने जिरीबाम ज़िले के जकुरधोर गांव में एक घर को आग लगा दी. यह घर बोरोबेक्रा थाने के पूर्व प्रभारी का था, जिनका परिवार जून में हिंसा भड़कने के बाद इस घर को खाली कर चला गया था.
इंफाल पश्चिम के कोत्रुक में यह हमला द वायर द्वारा उन ऑडियो टेप को सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है, जो मणिपुर हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित आयोग को सौंपे गए हैं. टेप से संकेत मिलता है कि सीएम एन. बीरेन सिंह और उनका प्रशासन सीधे तौर पर हिंसा में शामिल रहे हैं.