मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह की कथित आवाज़ वाले ऑडियो टेप के संबंध में द वायर के ख़ुलासे के बाद राज्य के दस कुकी विधायकों ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि राज्य प्रायोजित जातीय नरसंहार में मुख्यमंत्री की मिलीभगत अब बिना किसी संदेह के स्थापित हो चुकी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस मनाते समय हमें मणिपुर की दुर्दशा पर भी विचार करना चाहिए, जहां सच्ची आज़ादी अभी भी दूर है.
मणिपुर के इंफाल पूर्वी ज़िले में राहत शिविर में रह रहे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों द्वारा अपने पुनर्वास की मांग को लेकर आयोजित विरोध रैली को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जो प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों का कारण बना.
मणिपुर (बाहरी) से पहली बार सांसद बने कांग्रेस के अल्फ्रेड कान-नगाम आर्थर ने संसद में केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मणिपुर में पिछले 15 महीनों से 60,000 से अधिक लोग भयानक परिस्थितियों में राहत शिविरों में रह रहे हैं. क्या आप उन महिलाओं और बच्चों की चीखें नहीं सुन सकते जो अपने घर वापस नहीं जा सकते?
असम के मटिया में डिटेंशन सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसकी 'दयनीय स्थिति' पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है. यहां पानी की आपूर्ति नहीं है, शौचालय नहीं हैं, चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.
पुलिस ने बताया कि अज्ञात हमलावरों ने 24 जुलाई रात को मणिपुर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (सीएएफ और पीडी) के निदेशक के आवास पर गोलीबारी की. इससे पहले राज्य में हुई हिंसा के दौरान मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं के घरों पर हमले की घटनाएं हुई हैं.
दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था. केंद्र सरकार ने 2023 में आरोपी सैन्यकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.
घटना जिरीबाम ज़िले की है. शनिवार रात आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बाद रविवार सुबह केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम कथित तौर पर तलाशी अभियान चला रही थी, तभी उन पर हमला किया गया.
इससे पहले, खासी छात्र संघ और अन्य संगठनों के सदस्यों पर शिलांग के लैतुमखराह और पोलो क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों पर हमला करने का आरोप लगा था. मार्च और अप्रैल महीने में कुछ गैर-आदिवासी श्रमिकों को पीट-पीटकर मार डालने की भी ख़बरें भी सामने आई थीं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के कुकी और मेईतेई समुदाय के बीच शांति वार्ता शुरू होने की बात कही, पर कुकी संगठनों ने कहा है कि उन्हें ऐसी किसी भी 'शांति वार्ता' की कोई जानकारी नहीं है. सीएम केंद्र और आम जनता के सामने अपनी साख बचाने के लिए मीडिया में नौटंकी की है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक के दौरान उन्हें बताया कि उनकी सरकार बांग्लादेश से आए ज़ो जनजाति के लोगों को वापस नहीं भेज सकती है. राज्य के गृह विभाग के मुताबिक, 2022 से बांग्लादेश के लगभग 2,000 ज़ो जनजाति के लोगों ने मिज़ोरम में शरण ली है.
असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. वहीं, मणिपुर में लगातार बारिश के चलते सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.
मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय ने राज्य के चार ज़िलों में रैलियां निकालते हुए जातीय हिंसा को समाप्त करने और आदिवासियों के लिए ‘केंद्र शासित प्रदेश’ बनाने की मांग उठाई. वहीं, मेईतेई बहुल इंफाल घाटी में महिलाओं ने रैली कर कुकी-ज़ो समुदाय की अलग प्रशासन की मांग का कड़ा विरोध किया.
मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी या मोरेह जैसे अशांत क्षेत्रों में बहुसंख्यक समुदाय के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं है.
मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह के पास टी मोथा में अज्ञात हमलावरों ने एक स्कूल की इमारत में आग लगा दी, वहीं जिरीबाम ज़िले के कालीनगर में खाली पड़े घरों और दुकानों में आगजनी हुई. इस बीच राज्य सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कैबिनेट उपसमिति बनाने की बात कही है.