ये मोदी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है कि हमारा रुपया लुढ़क रहा है

अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपया तेजी से कमज़ोर हो रहा है. इसके तमाम बाह्य कारण भी हैं लेकिन पिछले चार सालों के दौरान बेहतर परिस्थितियों का फ़ायदा न उठा पाने और हर बात के लिए पिछली सरकार के करे-धरे को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृति के चलते अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.

‘स्विस बैंकों में जमा धन 49 महीने में काले से सफेद हो गया’

स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले जो धन ‘काला’ हुआ करता था वो 49 महीनों में ‘सफेद’ हो गया है.

स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन नहीं: अरुण जेटली

भारतीयों की स्विस बैंकों में जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी पर मोदी सरकार ने सफाई दी है. जहां अरुण जेटली ने कहा है कि स्विस बैंकों में जमा सारे पैसे गैरक़ानूनी नहीं है, तो वहीं पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के समय में शुरू की गयी उदारीकृत रेमिटेंस (धन बाहर भेजने की) योजना से संभवत: भारतीयों की जमा में इजाफा हुआ है.

‘मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से फेल हुई है’

वीडियो: डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट और नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे में 50 प्रतिशत के इज़ाफ़े पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.

जन गण मन की बात, एपिसोड 267: गवर्नेंस में गड़बड़ी और मोदी का इतिहास ज्ञान

जन गण मन की बात की 267वीं कड़ी में विनोद दुआ स्विस बैंक में भारतीयों के बढ़ते धन, निकी हेली की भारत यात्रा और मगहर में मोदी के भाषण पर चर्चा कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री जी से पूछिए तो सही कि वे भारत को विश्व गुरु बना रहे हैं या बेवक़ूफ़?

नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों का पैसा 50 प्रतिशत बढ़ गया है. ज़रूरी नहीं कि स्विस बैंक में रखा हर पैसा काला ही हो लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि यह किसका और कैसा पैसा है?

काले धन पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के दावे के बाद स्विस बैंक में 50 फीसदी बढ़ा भारतीयों का पैसा

स्विस बैंक खातों में जमा भारतीय धन में 13 साल में सबसे अधिक वृद्धि. मोदी सरकार के चौथे साल में स्विस बैंक में भारतीयों का धन 7,000 करोड़ रुपये पहुंचा.

मीडिया बोल, एपिसोड 55: मॉब लिंचिंग, नोटबंदी और गुजरात के सहकारी बैंक

मीडिया बोल की 55वीं कड़ी में उर्मिलेश मॉब लिंचिंग की घटनाओं और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता वाले सहकारी बैंक में नोटबंदी के बाद सर्वाधिक रकम जमा होने पर वरिष्ठ पत्रकार पूर्णिमा जोशी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय हेगड़े से चर्चा कर रहे हैं.

नोटबंदी के बाद बैंकों को मिले सबसे ज़्यादा जाली नोट, संदिग्ध लेन-देन के मामले भी बढ़े: रिपोर्ट

फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट के अनुसार, जाली मुद्रा रिपोर्ट (सीसीआर) की संख्या 2015-16 के 4.10 लाख से बढ़कर 2016-17 में 7.33 लाख पर पहुंच गई. संदिग्ध लेन-देन में भी 480 प्रतिशत से भी अधिक का इज़ाफ़ा.

क्या मोदी सरकार का ​कैशलेस इंडिया अभियान विफल हो गया है?

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के हालिया आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के 15 महीने बाद बाज़ार में लगभग उतना ही कैश आ गया है जितना 8 नवंबर 2016 से पहले था.

केंद्र सरकार 50 व 200 रुपये के नोटों की समीक्षा करे: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र व भारतीय रिज़र्व बैंक से कहा कि वह नए नोटों व सिक्कों के स्वरूप की समीक्षा करें, क्योंकि दृष्टिबाधित लोगों को इनकी पहचान व इस्तेमाल में परेशानी हो रही है.

नोटबंदी के बाद पकड़े गए कालेधन की जानकारी दे वित्त मंत्रालय: सीआईसी

केंद्रीय सूचना आयोग ने आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर जुर्माना नहीं लगाया क्योंकि उसके अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांग ली है.

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