जन गण मन की बात की 130वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री के भाषण और पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 129वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर दिए गए अरुण शौरी के बयान और ताजमहल पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की तीसरी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी सीवर सफ़ाई के दौरान लगातार हो रहीं कर्मचारियों की मौतों पर वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह और हेजर्ड्स सेंटर के दुनू रॉय से चर्चा कर रही हैं.
यशवंत सिन्हा के बाद मोदी सरकार पर अरुण शौरी का हमला, बोले ढाई लोग मिलकर चला रहे सरकार, विशेषज्ञों की बात नहीं सुनते.
जन गण मन की बात की 127वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर यशवंत सिन्हा के बयान और दिल्ली में हिरासत में लिए गए बीएचयू छात्रों पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की दूसरी कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भारतीय मज़दूर संघ के पवन कुमार और एटक की अमरजीत कौर के साथ चर्चा कर रही हैं.
जन गण मन की बात की 125वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की टिप्पणी और सरदार भगत सिंह पर चर्चा कर रहे हैं.
एडीबी के मुताबिक निजी खपत, कारखानों के उत्पादन और कारोबारी निवेश कमजोर रहने की वजह से वृद्धि दर की गति कम रहने का अनुमान है.
यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल युवाओं को दो करोड़ नौकरियां देने का वादा हो या किसानों को अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का, किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से जीडीपी में 40 फीसदी का योगदान देने वाले असंगठित क्षेत्र और छोटे और मझौले कारोबार को दोहरा झटका लगा है.
वॉशिंगटन में राहुल बोले, नोटबंदी से लाखों छोटे कारोबार तबाह हो गए. नोटबंदी का फ़ैसला आर्थिक सलाहकार या संसद की सलाह के बिना लिया गया. इससे अर्थव्यवस्था को काफ़ी नुकसान हुआ.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, आपको ग़लत निर्णय लेने के लिए साहस की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आपने ग़लत निर्णय लिया है, यह स्वीकार करने का साहस होना चाहिए.
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कहा- सहिष्णुता भारत की ताक़त है, इसे गंवाना नहीं चाहिए.
जन गण मन की बात की 112वीं कड़ी में विनोद दुआ पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों और नोटबंदी के बाद देश के हालात पर चर्चा कर रहे है.
नोटबंदी को लेकर रिज़र्व बैंक के हालिया आंकड़ों पर अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार से द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.