गृह मंत्री अमित शाह ने 20 नवंबर को राज्यसभा में कहा था कि असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया भारत के बाकी हिस्से के साथ नये सिरे से चलाई जाएगी, जिसके बाद असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया था कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री से एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को ख़ारिज करने का अनुरोध किया है.
गैर सरकारी संस्था असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने प्रतीक हजेला पर एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़े स्तर पर सरकारी धनराशि के गबन करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.
वीडियो: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के अजय आशीर्वाद, संगीता बरुआ पिशारोती और आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से असम में की गई एनआरसी को खारिज करने का अनुरोध किया है.
संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है विधेयक. असम के संगठनों ने कहा कि राज्य के लोग इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे. असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों की पहचान बनाए रखने के लिए विधेयक के मसौदे में बदलाव किया जाएगा.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को निर्देश दिया था कि असम के पूर्व एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार से मांग की कि वह नगा समूहों से हो रही बातचीत के नियम और शर्तों को सार्वजनिक करे. इसके अलावा उन्होंने तीन राज्यों- मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम, जो नगा शांति वार्ता से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें इस बातचीत में शामिल करने की भी मांग की है.
इस बीच उन्होंने एनआरसी का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसे लोगों को जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.
मोदी सरकार लोकतंत्र के जिन प्रतीकों को संजोने का दावा करती है, वह उन्हें ख़त्म कर चुकी है.
असम में इस समय छह डिटेंशन केंद्रों में हज़ार से अधिक लोग बंद हैं. राज्य के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा जाएगा.
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार को 18 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
असम पब्लिक वर्क (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन ख़र्च किया हो, वह ख़र्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के कैथल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सत्तर वर्षों से घुसपैठियों ने देश की सुरक्षा को चुनौती दी है. एनआरसी के जरिए भाजपा सरकार सभी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है.
भाजपा मतदाताओं का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए बेताब है. ऐसे में एनआरसी का इस्तेमाल भारत का ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह से किया जा सकता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.