वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के अनुपालन में की जा रहीं कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के साथ-साथ क़ानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर भी सहमति दी गई है.
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के अनुपालन में की जा रहीं कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के साथ-साथ क़ानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर भी सहमति दी गई है.