अदालत ने कहा कि क़ानून के अनुसार सभी को अपने घर या धर्मस्थल पर इबादत करने का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक स्थल पर नहीं. इससे आम जनता के लिए समस्याएं पैदा होती हैं.
अदालत ने कहा कि क़ानून के अनुसार सभी को अपने घर या धर्मस्थल पर इबादत करने का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक स्थल पर नहीं. इससे आम जनता के लिए समस्याएं पैदा होती हैं.