बीते 13 अगस्त को प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक मतदाता सूची तैयार करने को लेकर दो विकल्पों पर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने कैबिनेट सचिव को राज्यों से परामर्श करने और एक महीने में अगले क़दम का सुझाव देने के लिए कहा है.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि राजनीतिक दल साथ बैठ कर सर्वसम्मति पर नहीं पहुंच जाते हैं और कानून में जरूरी संशोधन नहीं लाया जाता है.
मोदी सरकार एक चीज़ की मास्टर है. वह समय-समय पर थीम और थ्योरी ठेलते रहती है. कुछ थीम मार्केट में आकर ग़ायब हो जाते हैं और कुछ चलते रहते हैं. जैसे मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया का थीम ग़ायब है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में निर्धारित विधानसभा चुनावों को टाला जा सकता है और उन्हें अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव के साथ कराया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों में सहमति होना ज़रूरी है. वहीं, एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में भाजपा की दलील है कि देश हमेशा चुनावी मोड में नहीं रह सकता.