इसमें से एक आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 है, जिसमें आयुध कारखानों के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकने का प्रावधान किया गया है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस क़ानून के ज़रिये सरकार श्रमिकों के मौलिक अधिकार छीनना चाहती है.
केंद्र द्वारा अतिरिक्त बजट न देने के कारण आपातकालीन स्थिति में काम आने वाले गोला-बारूद के लिए फंड बचाने के चलते सेना सरकारी ऑर्डनेन्स फैक्टरियों पर ख़र्च किए जाने वाले बजट को कम कर रही है.