बीते सात जून को तुषार पांचाल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था. इसके तुरंत बाद ही भाजपा के कुछ नेताओं ने तुषार के पिछले ट्वीट्स का हवाला दिया, जो कि हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले थे और एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख था.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे पीके सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था. वे चार वर्षों तक कैबिनेट सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
नृपेंद्र मिश्रा 2009 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष बने थे. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पिछली राजग सरकार द्वारा ट्राई क़ानून में संशोधन के बाद मिश्रा को साल 2014 में पीएमओ में नियुक्त किया गया. ट्राई कानून उसके अध्यक्ष और सदस्यों को सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी महकमों में काम करने पर रोक लगाता था.
चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को यह सख़्त सलाह हाल में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं या उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग के मारे गए छापों के संबंध में दी है. आयोग ने कहा कि ऐसी कार्रवाई की जानकारी उसके अधिकारियों के संज्ञान में होनी चाहिए.
आयकर विभाग की इस छापेमारी में अभी तक नौ करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है. यह छापेमारी कमलनाथ के ओएसडी के अलावा उनके भांजे रातुल पुरी और कई करीबियों के आवासों पर की जा रही है.