गुजरात विधानसभा ने स्थानीय निकायों में ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के लिए गुजरात स्थानीय प्राधिकरण क़ानून (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया है. विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए राज्य में ओबीसी आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग की है.
देश में 1931 की जनगणना में आखिरी बार एकत्रित किए गए जातिगत आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर तत्त्कालीन वीपी सिंह सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी.
संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इन पांच जातियों को आरक्षण अत्यधिक पिछड़ा वर्ग में तय सीमा 50 प्रतिशत के भीतर ही दिया जाएगा.