मानव-जीवन प्रकृति के नियमों का एक करिश्मा है. यह करिश्मा कहां और कब शुरू हुआ, इस तक पहुंचने की चाह पिछले सौ सालों से अधिक समय से चल रही है. निश्चित ही आने वाले दशकों में हम जवाब के और नज़दीक पहुंच सकेंगे.
स्वास्थ्य मामलों से संबंधित संसद की एक स्थायी समिति ने कहा कि पहली लहर के बाद जब देश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गई, तब सरकार को देश में महामारी के दोबारा ज़ोर पकड़ने के ख़तरे और इसके संभावित प्रकोप पर नज़र रखने के अपने प्रयास जारी रखने चाहिए थे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड-19 के मरीज़ों की मौत होने से मंत्रालय द्वारा इनकार किए जाने पर व्यथित है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती पवार ने संसद में बताया कि कोविड-19 के कारण देश में अब तक कुल 5,21,358 लोगों की मौत हुई है, जबकि केंद्र सरकार के अनुरोध पर 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए जवाब में किसी ने भी अपने यहां ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत होने की पुष्टि नहीं की है.
राज्यसभा में सवाल किया गया था कि पिछले एक साल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मौतें हुईं. इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सूचित कुल मामलों और मृत्यु के आंकड़े रखती है. केंद्र को भेजे जवाब में किसी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी मृत्यु की सूचना नहीं दी है.
केंद्र की मोदी सरकार ने भी बीते जुलाई महीने में संसद को बताया था कि राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी मौत की विशेष रूप से रिपोर्ट नहीं की है. हालांकि एक महीने बाद अगस्त में पहली बार केंद्र ने स्वीकार किया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज़ों की मौत हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में बताया कि केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड रोगियों की मृत्यु के आंकड़े मांगे थे, जहां केवल पंजाब तथा अरुणाचल प्रदेश ने केंद्र को जवाब भेजा है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुईं मौतों की जांच के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव फिर से नामंज़ूर कर दिया है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने उपमुख्यमंत्री के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी भी राज्य ने विशेष रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के कारण कोविड-19 मरीज़ों की मौत की सूचना नहीं दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन के अभाव में किसी भी मरीज़ की मौत की ख़बर नहीं मिली है.
दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 23-24 अप्रैल की दरमियानी रात कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण 21 मरीज़ों की मौत हो गई थी. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से न तो उन्हें गिरफ़्तार किया और न ही उनके ख़िलाफ़ जांच शुरू की.
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने इन मौतों की जानकारी कभी नहीं मांगी और ऐसे बयान से देश को गुमराह किया है.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बैठक में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि अनलॉक करने की गतिविधियों से कोविड मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है. वहीं, आईसीएमआर के डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज़ किए जाने चाहिए.
राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस तरह की मौतों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं मांगा था. दिल्ली सरकार ने इस तरह की मौतों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया था,
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश नियमित तौर पर कोरोना के मामले और मौत की संख्या के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करते हैं, लेकिन राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी.
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली की ऑक्सीजन आवश्यकता को चार गुना ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ बताया गया. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऑक्सीजन पर आपका झगड़ा ख़त्म हो गया हो तो थोड़ा काम कर लें? आपस में लड़ेंगे तो कोरोना जीत जाएगा. मिलकर लड़ेंगे तो देश जीतेगा.